बीजेपी चुनावी मोड में भूपेंद्र-अश्विनी बताएंगे निगेटिव फीडबैक, MLA से करेंगे वन टू वन चर्चा
भोपाल
चुनावी मोड में आ चुकी बीजेपी में अब चुनाव संबंधी समितियों के गठन और दायित्व पर एक्शन के साथ विधायकों से वन टू वन करने की भी तैयारी है। चुनाव कमान संभाल चुके केंद्रीय मंत्री अमित शाह के निर्देश पर प्रदेश चुनाव प्रभारी और सह चुनाव प्रभारी विधायकों को लेकर जुटाए गए फीडबैक को लेकर विधायकों से सीधा संवाद करेंगे।
इसके लिए कोर कमेटी के सदस्यों द्वारा यह प्लान तय किया जा रहा है कि विधायकों का यह वन टू वन संवाद विधानसभा वार होगा या संसदीय क्षेत्र या संभागवार होगा। इसी हफ्ते इसे फाइनल कर लिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री शाह के भोपाल दौरे के बाद बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में हुई बैठकों में इस पर मंथन किया जा रहा है।
कल दिन भर इस पर चर्चा के बाद अब कोर कमेटी के सदस्य अगले दो दिनों में इसे फाइनल रूप देंगे और इसके बाद भोपाल आ रहे प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव व सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव इसे फाइनल करेंगे कि कब से वन टू वन चर्चा की जाएगी और चर्चा करने के लिए विधायकों को प्रदेश कार्यालय बुलाने का स्वरूप कैसा होगा?
बताया जाता है कि विधायकों को इसके संकेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने स्तर पर दे दिए हैं। विधायकों से यह भी कहा गया है कि वे अपने नाक, कान खुले रखें और अपने क्षेत्र की हर गतिविधि की जानकारी रखने के साथ जरूरत के मुताबिक उसे साझा भी करें।
संसदीय क्षेत्र के आधार पर बुलाए जा सकते हैं एमएलए
पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायकों से वन टू वन के लिए जो प्लान तय किया जा रहा है उसके अनुसार विधानसभा, संसदीय क्षेत्र और संभागवार विधायकों को बुलाने के आप्शन रखे गए हैं पर विधानसभा के साथ लोकसभा की तैयारियों में भी जुटा केंद्रीय नेतृत्व सभी विधायकों को संसदीय क्षेत्र के आधार पर वन टू वन के लिए बुला सकता है।
विकास पर्व की तैयारियों पर जुटने कहा
विधायकों से कहा गया है कि 16 जुलाई से 14 अगस्त तक विकास पर्व शुरू किया जा रहा है जिसमें भूमिपूजन और लोकार्पण किए जाएंगे। इस दौरान सीएम चौहान जिन स्थानों पर जाएंगे, उसकी तारीख भी विधायकों को बताई गई है। साथ ही जिन तिथियों में हितग्राहियों को राशि दी जाएगी, उसकी तिथि भी बताई गई है।
पोलिंग एजेंट का कराएं वेरिफिकेशन
विधायकों से कहा गया है कि वे अपनी विधानसभा क्षेत्र के सभी पोलिंग में एजेंट्स का वेरिफिकेशन करा लें। जहां नहीं तय हैं वहां एजेंट तय करें ताकि बाद में दिक्कत नहीं हो। साथ ही हितग्राहियों से अधिकतम संवाद के लिए भी कहा गया है।