हमीदिया में 10 दिनों से लैब मशीन खराब, खून-पेशाब की जांच बंद, प्राइवेट लैब की चांदी
भोपाल
हमीदिया अस्पताल में प्रबंधन अब फिर से ब्लड टेस्ट के लिए सेमी ऑटोमेटिक मशीन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार नई ऑटोमेटिक मशीन आने के बाद सेमी ऑटोमेटिक मशीन का उपयोग कम हो रहा था। ऐसे में इसके एजेंट खत्म हो गए थे। अब इस मशीन के रि-एजेंट मंगा रहे हैं। वहीं अभी भी अस्पताल भर्ती मरीजों की जांच आउटसोर्स से कराई जा रही हैं।
हमीदिया अस्पताल में रोजाना करीबन 600 मरीजों की जांच होती है, लेकिन पिछले 10 दिनों से लैब मशीन खराब होने से यहां खून-पेशाब की जांच बंद है। कई गंभीर बिमारियों से जूझ रहे मरीजों को महंगे दामों पर प्रायवेट पेथोलॉजी लैब में जांच कराना पड़ी।
शुगर, किडनी की जांचें सेमी ऑटोमेटिक मशीन से होंगी
दो कंपनियों के बीच मरीज पिस रहे हैं। जानकारी के अनुसार इस गड़बड़ी के पीछे सीपीएल के संचालन को लेकर कंपनी का बदलाव होना है। दरअसल अभी सीपीएल की जिम्मेदरी बासयोमेड नाम की कंपनी ने संभाली है। अब यह जिम्मेदारी हिंदुस्तान लैबोरेटरी नामक कंपनी को दी है। नई कंपनी से एमआयू हो चुका है जो करीब एक महीने में काम शुरू करेगी। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में पुरानी कंपनी ने मशीन के मेंटनेंस का काम बंद कर दिया है, जिससे यह परेशानी हो रही है।
नहीं लिए जा रहे सैंपल
हमीदिया अस्पताल में पिछले 10 दिनों से मरीजों के ब्लड सैंपल नहीं लिए जा रहे हैं। अस्पताल की सेंट्रल पैथोलॉजी लैब में खून की जांच करने वाली सबसे जरूरी मशीन बायोमेड बीए 400 खराब हो गई है। इससे मरीजों की सबसे सामान्य और जरूरी मानी जाने वाले शुगर, केलोस्ट्रल, यूरिया, सोडियम, पोटेशियम, किडनी, लिवर सहित दो दर्जन से आदि की जांच भी नहीं हो रहीं।
रोजाना 600 मरीजों की जांच
हर दिन 600 मरीजों की 2400 जांचें होती हैं। बायोकेमेस्ट्री विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर वार्डों में भर्ती मरीजों,ओपीडी में आने वाले मरीजों के ब्लड सैंपल न लेने के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि ब्लड टेस्ट करने वाली बीए 400 मशीन 22 जून से खराब है, जिससे इस मशीन पर होने वाली सभी जांचें बंद कर दी गई हैं।
अस्पताल में जांच के लिए सेमी ऑटोमेटिक मशीन शुरू करने की तैयारी है। अभी भर्ती मरीजों की जांच आउट सोर्स कराई जा रही है। जल्द ही नई कंपनी काम करना शुरू कर देगी। मरीजों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
– डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल