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बुलंदपुरी गुरुद्वारा साहिब में छिपा था अमृतपाल सिंह, पुलिस ने किया गिरफ्तार

चंडीगढ़

पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी सपोर्टर अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. वह जालंधर के मेहतपुर स्थित बुलिंदपुर गुरुद्वारा साहिब में छिपा था. उसके 6 साथियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि अमृतपाल अपनी मार्सिडीज कार में भाग निकला था. अमृतपाल का पीछा 8 जिलों की पुलिस कर रही थी. इस बीच राज्य के जालंधर और आसपास के कुछ हिस्सों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है.

बताया जा रहा है कि अमृतपाल जालंधर में महेतपुर से मसलियां रोड पर स्थित बुलंदपुरी गुरुद्वारा साहिब के भीतर छिपा था. यहां उसके कुछ हथियारबंद साथी भी मौजूद थे. एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सभी मोबाइल इंटरनेट, और एसएमएस सर्विसेज को बैन कर दिया गया है. हालांकि, इस दौरान बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज सर्विसेज जारी रहेगा. इनके अलावा मोबाइल के लिए डोंगल सर्विसेज को भी बैन किया गया है, जबकि इस दौरान वॉइस कॉल की सेवा जारी रहेगी. प्रतिबंध 18 मार्च को बजे से 19 मार्च 12 बजे तक जारी रहेगा.
पंजाब पुलिस ने ऐसे की अमृतपाल की घेराबंदी

इस बीच सोशल मेहतपुर से सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पंजाब पुलिस के अधिकारी गुरुद्वारा साहिब को घेर लिया, जहां अमृतपाल अपने हथियारबंद साथियों के साथ पनाह ली थी.

बताया जा रहा है कि पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से हथियार और 2 गाड़ियां बरामद की हैं. इसके साथ ही पंजाब के कई जिलों में रविवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं, जिसमें से 2 हेट स्पीच के संबंधित है. सूत्रों के अनुसार, धर्मकोट के नजदीक महितपुर थाने के पास पुलिस ने ये 6 गिरफ्तारियां की हैं.

सुरक्षा के लिहाज से अमृतपाल के गांव जल्लुपुर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

 नकौदर के पास से अमृतपाल हिरासत में ले लिया गया.

– पंजाब सरकार की तरफ से बयान आया है. जिसमें कहा गया है कि सार्वजनिक सुरक्षा के हित में पंजाब के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी SMS सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं 18 मार्च (12:00 घंटे) से 19 मार्च (12:00 घंटे) तक निलंबित रहेंगी.

50 गाड़ियां कर रही हैं पीछा

खबर के मुताबिक, पुलिस की 50 से ज्यादा गाड़ियां अमृतपाल और उसके साथियों का पीछा कर रही हैं. पुलिस ने अमृतपाल की गाड़ियों को टक्कर मारने की भी कोशिश की. फिलहाल उसकी लेटेस्ट लोकेशन शाहकोट के पास ट्रेस हुई है. कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर आई थी कि एंटी नेशनल एलीमेंट अमृतपाल पर हमले की योजना बना रहे हैं और अमृतपाल पर हमला करके के कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश कर रहे हैं.
कुछ महीने पहले ही संभाली थी 'वारिस पंजाब दे' की कमान

खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला अमृतपाल सिंह (30 साल) पंजाब में 'वारिस पंजाब दे' संगठन संचालित करता है. ये संगठन एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था.  15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस संगठन की कमान कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली और वो इसका प्रमुख बन गया. उसने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया. अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर रिश्तेदार दुबई में रहते हैं. अमृतपाल ने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी की. उसने 12वीं तक पढ़ाई की है.

थाने पर किया था हमला

पिछले महीने ही अमृतपाल औऱ उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था.अमृतपाल के समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर यह धावा बोला था. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.अमृतपाल के खिलाफ उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने शिकायत दर्ज कराई थी. आरोप था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की.

सहयोगी ने की थी शिकायत

शिकायतकर्ता बरिंदर सिंह ने शिकायत में कहा है कि वह अमृतपाल सिंह के प्रशंसक थे, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने सहयोगियों के गलत कामों को उजागर किया तो अमृतपाल सिंह नाराज हो गया. अमृतपाल सिंह ने कथित तौर पर बरिंदर को 15 से 20 बार थप्पड़ मारे, गाली-गलौज कर अभद्रता की. आरोप है कि रूपनगर जिले के सलेमपुर गांव के रहने वाले फरियादी को तीन घंटे तक पीटा गया. शिकायतकर्ता बरिंदर सिंह ने अमृतपाल सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

 

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