उत्तर भारत के लिए मौसम विभाग की बड़ी चेतावनी, अगले 4-5 दिन भारी बारिश; एहतियात बरतने के निर्देश
नई दिल्ली
देश की राजधानी में शनिवार के दिन की शुरुआत बारिश के साथ बेहद सुहावनी हो गई। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून अभी राष्ट्रीय राजधानी में सक्रिय था। वहीं, शुक्रवार को मौसम विभाग ने उत्तरी भारत में अगले चार से पांच दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आईएमडी द्वारा जारी चेतावनी के मुताबिक अगले चार-पांच दिनों तक उत्तरी भारत में जबर्दस्त बरसात हो सकती है। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी सक्रिय मॉनसून का असर देखने को मिलेगा।
उत्तर से दक्षिण तक बरसात
इसके साथ ही मौसम विभाग ने उत्तर भारत के लोगों को भारी बारिश को लेकर एहतियात बरतने का निर्देश भी जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जम्मू, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आठ से नौ जुलाई तक जोरदार बरसात की चेतावनी है। इसके लिए तैयार रहें और बचाव के लिए जरूरी उपाय करके रखें। उधर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में शुक्रवार तड़के भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गई जबकि उडुपी जिले में एक पेड़ गिरने से एक बाइक सवार व्यक्ति की जान चली गई। इसके बाद इन दोनों तटीय जिलों में बारिश के कारण हुए हादसों में इस हफ्ते जान गंवाने वालों की संख्या आठ हो गई है। पुलिस ने बताया कि शुक्रवार तड़के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंटवाल तालुक स्थित सजिपमुन्नूर गांव के नंदवारा में भारी बारिश के कारण पहाड़ी का एक हिस्सा एक घर पर गिर गया, जिससे एक महिला की मौत हो गई। उसने बताया कि महिला की पहचान मोहम्मद नामक व्यक्ति की पत्नी जरीना (47) के रूप में हुई। इससे पहले उनकी बेटी सफा (20) को अग्निशमन एवं बचाव विभाग के कर्मियों और पुलिस ने मलबे से निकाल लिया था।
कर्नाटक में यहां असर
उडुपी जिले में अन्य घटना में, एक बड़ा पेड़ एक बाइक सवार पर गिर पड़ा जिससे उसकी मौत हो गई। वह गुरुवार रात करकला-पडुबिद्री राज्य राजमार्ग पर बेलमन शहर से गुजर रहा था तभी उसकी बाइक पर पेड़ गिर पड़ा। सूत्रों ने बताया कि एक अन्य घटना में, उडुपी के पास कल्लियाणपुरा-संथेकट्टे जंक्शन पर राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर निर्माणाधीन अंडरपास का एक हिस्सा बुधवार रात लगातार बारिश के कारण ढह गया। वहीं, वन विभाग ने शुक्रवार से दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलथांगडी तालुक में गदाई कल्लू में ट्रैकिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि पहाड़ी तक जाने वाला रास्ता फिसलन भरा हो गया है।