चुनाव से पहले ‘राजस्थान के योगी’ का बढ़ा कद, क्यों भगवाधारी नेता की खूब हो रही चर्चा
जयपुर
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नई टीम का ऐलान किया है राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने रविवार को विजय संकल्प टीम की घोषणा की। इसमें 11 उपाध्यक्ष और 5 महामंत्री बनाए गए हैं। टीम में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग के नेताओं को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा संगठन क्षमता और अनुभव को आधार बनाते हुए मजबूत चेहरों को शामिल किया गया है। इनमें सबसे अधिक चर्चा 'राजस्थान के योगी' कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ की हो रही है। अलवर के सांसद बालकनाथ को उपाध्यक्ष बनाया गया है।
हमेशा भगवा कपड़ों में दिखने वाले बाब बालक नाथ फायरब्रांड नेता हैं। हिंदुत्ववादी अजेंडे पर आक्रामक तेवरों की वजह से वह सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में वह तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमका दिया था। बीजेपी के कार्यकर्ता को हिरासत में लिए जाने की वजह से क्रोधित सांसद ने डीएसपी से कहा था- मेरा नाम याद रखना। तीन लोग मेरी लिस्ट में हैं। एक यहां का विधायक, पुराना एसएचओ और अब मेरी लिस्ट में आप भी हो। उनका यह वीडियो खूब वायरल हुआ था।
बाबा बालकनाथ 2019 में पहली बार सांसद बने। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को हराकर वह पहली बार संसद पहुंचे। वह नाथ संप्रदाय के महत्वपूर्ण स्थल मस्तनाथ मठ के महंत भी हैं। चांदनाथ योगी ने 2016 में उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाया था। रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी करीबी हैं। नाथ संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो रोहतक की गद्दी को उपाध्यक्ष की पदवी हासिल है।
भाजपा ने क्यों किया प्रमोट
38 साल के बाबा बालकनाथ ने अलवर और आसपास के इलाकों में मजबूत राजनीतिक पकड़ बनाई है। पिछले लोकसभा चुनाव में जिस तरह उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया था उससे अच्छी धाक जमाई थी। इसके बाद वह लगातार पार्टी में और जनता के बीच सक्रिय रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने भगवाधारी नेता को प्रमोट करके हिंदुत्ववादी अजेंडे को आगे रखने का भी संकेत दिया है। भाजपा को बाबा बालकनाथ के जरिए राजस्थान के अलावा हरियाणा में भी फायदा मिलने की उम्मीद है।