अफगानिस्तान को मान्यता देने को लेकर भारत की दो टूक, हमारा रुख नहीं बदला
नई दिल्ली
जिस तरह से यह रिपोर्ट सामने आई कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने विभाग को इंडियन टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन के ऑनलाइन कार्यक्रम में हिस्सा लेने को कहा है, उसके बाद सवाल उठ रहे थे कि क्या भारत ने अफगानिस्तान को मान्यता देने के अपने रुख में कोई बदलाव किया है। लेकिन अब विदेश मंत्रालय की ओर से ही इसको लेकर सफाई दी गई है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि तालिबान के शासन वाले अफगानिस्तान को मान्यता नहीं देने के भारत के रुख में को बदलाव नहीं हुआ है।
भारत, US, कनाडा, ताइवान, बेल्जियम और डेनमार्क के बाद अब UK में भी टिकटॉक बैन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा अफगानिस्तान में जो बदलाव हुआ है उसके बाद हमारा अफगानिस्तान को लेकर रुख नहीं बदला है। मुझे नहीं लगता है कि लोगों को ITEC से ज्यादा कुछ निष्कर्स नहीं निकालना चाहिए। हम दोनों देशों के बीच किसी तरह का कोई संवाद जारी नहीं करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से अपने अधिकारियों को कहा गया है कि ITEC कोर्स को मान्यता देनी चाहिए, जिसे भारत के आईआईएम कोझिकोड में कराया जाएगा। वहीं अरिंदम बागची ने कहा भारतीय संस्था किसी भी ऐसी संस्था को नोट वर्बल जारी नहीं करता है जिसे भारत द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
अरिंदम बागची ने कहा कि हमारी ओर से अफगानिस्तान के इंस्टिट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी को कोई पत्र नहीं भेजा गया है। इसका सवाल ही नहीं उठता है कि हम ऐसी किसी संस्था को ऐसा पत्र भेजें, जिसे मान्यता ही नहीं दी गई है। भारत ITEC कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया भर के विकासशील देशों को क्षमता निर्माण सहायता प्रदान कर रहा है। इसमें ऑनलाइन पाठ्यक्रम शामिल हैं। इस स्कॉलरशिप कार्यक्रम में कई विषय शामिल हैं, जिसे भारत के अलग-अलग संस्थान करा रहे हैं। यह कोर्स कई देशों के नागरिकों के लिए भी उपलब्ध हैं, अफगानिस्तान के लोगों के लिए भी। अफगानिस्तान के कई नागरिक जो भारत और अफगानिस्तान में रह रहे हैं, वह इस कोर्स में हिस्सा ले रहे हैं। ऑनलाइन कोर्स का मतलब यह नहीं है कि इसमे भारत में यात्रा करना शामिल है।