क्षमता से अधिक लोगों को यात्रा कराने में कासरगोड-त्रिवेंद्रम वंदे भारत सबसे आगे, दूसरे नंबर पर रही यह ट्रेन
नई दिल्ली
वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को सुविधा देने के साथ ही समय भी बचा रही है। इसके कारण लोग इसका प्रयोग भी बढ़ चढ़कर कर रहे हैं। इसे लेकर एक आंकड़ा जारी किया गया है। इसमें सामने आया है कि कासरगोड-त्रिवेंद्रम वंदे भारत लोगों को यात्रा कराने में सबसे आगे रही है। आंकड़ों के मुताबिक, इसकी औसतन सौ सीटों पर 183 लोगों ने सफर किया। यानी इसकी आक्यूपेंसी (कुल सीटों और कुल यात्री अनुपात) 183 प्रतिशत रही। वहीं, 176 प्रतिशत आक्यूपेंसी के साथ केरल में त्रिवेंद्रम और कासरगोड के बीच चलने वाली वंदे भारत दूसरे स्थान पर रही। इसके बाद 134 प्रतिशत आक्यूपेंसी के साथ गांधीनगर-मुंबई सेंट्रल वंदे भारत का स्थान रहा।
ऐसे होती है गणना
आक्यूपेंसी की गणना किसी रूट पर सफर करने वाले कुल यात्रियों की संख्या के आधार पर होती है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं। एक ट्रेन स्टेशन ‘ए' से चलकर डी’ तक जाती है। बीच में दो स्टेशन ‘बी और सी’ भी हैं। एक यात्री ने ‘ए से बी’ तक टिकट लिया। दूसरे ने ‘बी से सी’ तक और तीसरे ने ‘सी से डी’ तक। इस तरह उस एक सीट पर अलग-अलग स्टेशन के लिए तीन लोगों ने सफर किया। कुल यात्रा में उस सीट की आक्यूपेंसी 300 प्रतिशत रही।