रायपुर
इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक घोटाले के दस्तावेज पुलिस के सुपुर्द हो गया अब बैंक घोटाले को दबाने के लिए करोड़ों रुपए की रिश्वतखोरी करने वाले रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, अमर अग्रवाल एवं उनके सहयोगी अब बच नहीं पाएंगे।
पुलिस को जो दस्तावेज सौंपे गए हैं, उनमें फोरेंसिक रिपोर्ट, बैंक मैनेजर के नार्को टेस्ट की सीडी, ब्रेन मैपिंग रिपोर्ट सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं, जिनके आधार पर विवेचना कर सत्य को सामने लाकर उसे प्रमाणित किया जा सकता है। भाजपा की सरकार ने 54 करोड़ के बैंक घोटाले को दबाया था। इसमें भाजपा सरकार के मंत्रियों को रिश्वत देने की बात बैंक मैनेजर ने कबूल की थी। अब अदालत के आदेश पर अब मामला खुल गया है और भाजपा के भ्रष्टाचार की कलई खुलने के पुख्ता सबूत उपलब्ध हो गए हैं तो भाजपा बदहवास हो गई है। उसे अपने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनकी भ्रष्ट मंत्री मंडली के जेल जाने की नौबत आ गई है तो भाजपा के पैर के नीचे की जमीन खिसक गई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रमन राज में 15 साल में इतने घोटाले हुए हैं कि इन भ्रष्टाचारियों को कोई नहीं बचा सकता। इन्हें छत्तीसगढ़ की जनता का धन लूटने का दंड भुगतना ही पड़ेगा। भाजपा अपने भ्रष्टाचारी गिरोह के बचाव में प्रमाण मांगती है तो अब यह प्रमाण सामने हैं। अदालत से इनके खिलाफ जांच के आदेश जारी होना भी एक प्रमाण है कि अदालत ने प्रथम दृष्टया इनकी जांच की जरूरत समझी है। अभी तो यह शुरूआत है। पूरी उम्मीद है कि रमन भाजपा सरकार के सभी घोटाले इसी प्रकार कानून की चौखट पर आएंगे। पूर्व रमन सरकार में हुई नान और चिटफंड घोटाले की जांच के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कितनी बार मांग की है लेकिन मोदी सरकार और उसकी एजेंट ईडी को अरबों रुपये की मनी लांड्रिंग की जांच करने में गुरेज है क्योंकि उसमें भाजपा के अलीबाबा और सारे चोर फंस कर जेल जा सकते हैं। अभी केंद्र में भाजपा की सरकार है तो ये भ्रष्टाचारी घोटालेबाज ईडी की छत्रछाया में हैं लेकिन अगले साल केंद्र से भाजपा जाने वाली है, तब इन्हें उसी ईडी, आईटी, सीबीआई के सामने सरेंडर करना पड़ेगा, जिनकी गोद में बैठकर ये ईडी के प्रवक्ता बने हुए हैं।