छत्तीसगढराज्य

खैरागढ़ में महिलाओं ने खाद विक्रय से अर्जित किया 2 लाख 50 हजार का लाभ

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण योजना साबित हो रही है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन होने से ग्रामीणों को अपने घर में ही आर्थिक लाभ अर्जित करने का साधन मिला है। खास तौर पर महिलाओं के लिए गोधन न्याय योजना काफी उपयोगी एवं लाभकारी साबित हो रही है। गौठानों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव तो आ ही रहा है , स्व सहायता समूह की  महिलाएं भी आर्थिक दृष्टिकोण से भी सशक्त हो रही हैं।

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला अंतर्गत विकासखंड छुईखदान के ग्राम पथर्रा मे सिद्धि स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर इनके बिक्री से होने वाले लाभ के फलस्वरूप बहुत कम समय में ही खुद को आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया है। स्व सहायता समूह की  महिलाओं  ने चरणबद्ध तरीके से अब तक लगभग 643 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और लगभग  65 क्विंटल सुपर कंपोस्ट का निर्माण किया है । इन महिलाओं द्वारा कुल 67 हजार 560 किलोग्राम खाद  विक्रय से इन्हें   लगभग 2 लाख 50 हजार रुपए की आय अर्जित हुई है।
रीपा (महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क) से जुड़कर समूह की महिलाएं मुर्गी पालन का भी कार्य कर रही हैं। इससे अर्जित आय का उपयोग ये महिलाएं अपने खेती बाड़ी एवं घरेलू कार्य में कर रही हैं। मुगीर्पालन से हो रहे आय को देखते हुए अन्य  स्थानीय ग्रामीण महिलाएं भी प्रोत्साहित होकर जीविका के नये अवसर की ओर कदम बढ़ा रही हैं।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button