ग्राम सभा को बनाएं सिकल सेल रोग काउंसलिंग का मंच : राज्यपाल पटेल
ग्राम सभा समिति सदस्यों का प्रशिक्षण जरूरी
राज्यपाल ने बैठक में अधिकारियों से कहा
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल एनीमिया रोग की काउंसलिंग के लिए ग्राम सभा के मंच का उपयोग किया जाये। ग्राम सभा को बताया जाये कि सिकल सेल एनीमिया रोग की रोकथाम के लिए जरूरी है कि युवक-युवती दोनों यदि सिकल सेल वाहक हैं, तो वे आपस में विवाह नहीं करें। यह समझाना भी जरूरी है कि यदि कोई एक वाहक अथवा रोगी है, तो वे आपस में विवाह कर सकते हैं। उन्होंने रोग से संबंधित सावधानियों, उपचार, आहार और विहार संबंधी जानकारियों के प्रसार के लिए ग्राम के व्यक्तियों को सूचित और शिक्षित करने के प्रयासों के लिए भी कहा। राज्यपाल पटेल ने राजभवन में आयोजित बैठक में वन और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सेल रोग के उन्मूलन के लिए ग्राम सभाओं को प्रेरित किया जाना चाहिए। ग्राम सभा में सिकल सेल रोग के संबंध में चर्चा के आयोजन किए जाने चाहिए। ग्राम सभाओं को रोग की रोकथाम के प्रयासों के लिए संकल्पित कराया जाना चाहिए। ग्राम सभा की शक्तियों, कार्यवाही, बैठक में शामिल होने वाले और भाग नहीं लेने वाले सदस्यों की जानकारियों का प्रसार किया जाए, ताकि ग्रामीणों को ग्राम सभा की बैठक में शामिल होने की प्रेरणा मिले। ग्राम सभा की समितियों की उपलब्धियों का भी व्यापक प्रसार किया जाए। इससे अन्य ग्राम सभाओं को भी आगे बढ़ कर कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। राज्यपाल ने पेसा कानून के तहत गठित समितियों के सदस्यों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के लिए भी कहा।
बैठक में जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव वन जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव बी.एस. जामोद, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज संघ पुष्कर सिंह उपस्थित थे।