रायपुर.
राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आचाय ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग भूपेश सरकार के कामकाज से संतुष्ट है अगर कहीं कोई शिकायत होगी तो उसे संगठन दूर करेगा। भाजपा जिस तरह धर्म के नाम पर धोखा देकर सत्ता हथियाना चाहती है, वह उचित नहीं है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सिर्फ घोषणा वीर है, 50 हजार से अधिक घोषणाएं कर चुके हैं लेकिन क्रियान्वयन का पता नहीं है। वहां भाजपा की सरकार ने महाकाल को ठगने का काम किया है।
कृष्णम ने राजीव भवन में हिन्दूत्व के सवाल पर कहा कि महात्मा गांधी से बड़ा कोई हिन्दू नहीं है। भाजपा जो हिन्दूत्व का परिभाषा देती है वो हिन्दूत्व नहीं है। हिन्दूत्व क्षमा, त्याग, प्रेम, करूणा, और समर्पण का नाम है। उन्होंने आगे कहा कि यह कांग्रेस की बुनियाद में है। हिन्दूत्व पर केवल भाजपा का अधिकार है इससे बड़ा झूठ नहीं हो सकता है। मुसलमानों को गाली देने का नाम हिन्दूत्व नहीं है। आचार्य ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं। कहीं कोई शिकायत होगी तो उसे संगठन दूर करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी और महात्मा गांधी के रास्ते पर चलकर दोबारा सरकार बनाएगी।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस जीत रही है। एंटी इनकमबैंसी भाजपा नेताओं के चेहरे पर देखी जा सकती है। मध्यप्रदेश में शिवराज को घोषणावीर कहा जा रहा है। 50 हजार से अधिक घोषणाएं कर चुके हैं लेकिन क्रियान्वयन का पता नहीं है। सरकार पर 3-4 लाख करोड़ का कर्जा है। ज्योति आदित्य सिंधिया पार्टी में नहीं है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बजरंगदल, आरएसएस और विश्व हिन्दू परिषद भाजपा की सपोर्टर पार्टी हैं लेकिन ईडी और सीबीआई भाजपा की हिडन आगेर्नाइजेशन है जो पब्लिक डोमेन में नहीं है वो काम ईडी और सीबीआई करती है। सरकार बनाना और न बनाना जनता के विवेक पर निर्भर करता है, हमें छत्तीसगढ़ की जनता पर पूरा भरोसा है। आचार्य ने कहा कि कर्नाटक में बजरंगबली का साथ हमें मिला था। मध्यप्रदेश में महाकाल की कृपा हमारे ऊपर रहेगी क्योंकि भाजपा की सरकार ने महाकाल को ठगने का काम किया है।
उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह चुके हैं कि हिन्दूस्तान हिन्दू राष्ट्र है। जबकि भाजपा के लोग हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात कहते हैं ऐसे में उन्हें आपस में तय कर लेना चाहिए। या तो भागवत गलत है या भाजपा के लोग एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ईवीएम पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। स्वतंत्र संस्थाओं पर यकीन करना होगा।