धीरेंद्र शास्त्री बोले- वली उल्लाह वाले घूम रहे, उनकी ठठरी और गठरी बंध जाएगी
बड़वानी
बड़वानी पहुंचे बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने एक बयान दिया है, जिसमे उन्होंने मुस्लिम सूफी संतों को मानने वालों पर निशान साधा है। धीरेंद्र शास्त्री ने व्यास पीठ से बोलते हुए कहा कि "हमे मालूम है यहां बड़वानी जिले में धर्मान्तरण वाले, वली उल्लाह वाले कुछ घूम रहे हैं। उनकी ठठरी बननी थी, इसलिए गुरुजी की प्रेरणा हुई और हम यहां आए, आप सब साथ दो हम सब मिलकर हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे"। बता दें, कि बाबा बागेश्वर का दिव्य दरबार बड़वानी में लगा हुआ है।
और यहां हजारों की संख्या में लोग इस दरबार में शामिल होने आए हैं। बड़वानी में मंच से पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कई भक्तों की अर्जियां सुनी और उन्हें खूब आशीर्वाद भी दिया। दरबार की गद्दी से उन्होंने भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की अपील भी की।
बड़वानी में बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दिव्य दरबार लगा। हालांकि बारिश के चलते दरबार लगने में हुई देरी के बावजूद भी उनके भक्त भीगते हुए ही दरबार में बैठे रहे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अपरिहार्य कारणों और बारिश के चलते रात में देर से पहुंचे। बारिश में भी बड़वानी की जनता दरबार में भीगते हुए बैठी रही, यही भारत का सौभाग्य और सनातन धर्म की संस्कृति का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री प्रेम सिंह पटेल बागेश्वर धाम के अनन्य हैं, उन्हीं के कहने पर वह बड़वानी आए हैं। वहीं, जब पंडित धीरेंद्र शास्त्री व्यास पीठ पर बैठे तो उन्होंने कई लोगों की अर्जी सुनी।
इतना ही नहीं उन्होंने व्यास पीठ से संबोधित करते हुए एक बयान भी दिए, जिसमें उन्होंने सूफी संतों को मानने वालों पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि "हमें मालूम है यहां बड़वानी जिले में धर्मान्तरण वाले, वली उल्लाह वाले कुछ घूम रहे हैं। उनकी ठठरी बननी थी इसलिए गुरुजी की प्रेरणा हुई और हम यहां आए, आप सब साथ दो हम सब मिलकर हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे"।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने शनिवार सुबह मीडिया से चर्चा की। इस दौरान तेलंगाना के मुख्यमंत्री से जुड़ा एक सवाल धीरेंद्र शास्त्री से पूछा गया जिसमें तेलंगाना के सीएम ने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री को राजनीति नहीं करना चाहिए। उन्हें अपना दरबार ही चलाना चाहिए। इसके जवाब में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि साधु का काम जगाना है, किसी राजनेता का नहीं। हम साधु तो नहीं लेकिन बागेश्वर के सेवक हैं। हम वनों में रहने वाले वनवासियों के पास जाएंगे नहीं तो कैसे जगाएंगे। उन्होंने कहा कि भगवान राम भी वन गए तभी राम हुए।
धर्मांतरण से जुड़े एक सवाल के जवाब में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अब हिन्दू जाग रहा है। उसमें जागरूकता आ रही है। बहुत जल्दी बालाजी की कृपा से ये धर्मांतरण वालों की ठठरी और गठरी बंध जाएगी। ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण करवाने पर उन्होंने कहा कि वनवासी क्षेत्रो में बागेश्वर धाम की कथा, भंडारा और टेंट की व्यवस्था निःशुल्क रहती है । पूरे भारत के व्यास पीठों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि, शहरों में कथा करने से धर्म नहीं बचने वाला, आओ हम वनवासियों के बीच में जाए। जो हमेशा अपेक्षित रहे हैं, उनके बीच जाकर कथा करें।