मध्यप्रदेश के शासकीय विद्यालयों में शिक्षक करेंगे टेबलेट का उपयोग
शिक्षकों के खाते में दस हजार की राशि का हस्तांतरण प्रारंभ
भोपाल
प्रदेश में गुणवत्तायुक्त स्कूली शिक्षा के लिए अब प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों को टेबलेटस् की सुविधा भी जा रही है। प्राथमिक स्तर के शिक्षक इन टेबलेटस् का उपयोग कक्षा शिक्षण के साथ ही ऑनलाइन शिक्षण और प्रशिक्षण जैसे कार्यो में करेंगे। मध्यप्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान की टीचर्स रिर्सोस पैकेज योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्तर के समस्त शिक्षकों के लिए टेबलेट क्रय हेतु प्रति शिक्षक 10,000 रू. का बजट स्वीकृत किया गया है। शिक्षकों के खाते में राशि हस्तातरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।
राज्य शिक्षा केन्द्र के द्वारा मंगलवार 14 मार्च से पात्र शिक्षकों के खाते में राशि का हस्तांतरण प्रारंभ कर दिया गया है। इसके तहत प्रथम दिवस ही तीन हजार से अधिक शिक्षकों के खाते में क्रय राशि का ऑनलाइन भुगतान किया जा चुका है। उक्त योजना की क्रियान्वयन नीति के अनुसार अध्ययन-अध्यापन कार्यों हेतु टेबलेट का क्रय शिक्षक स्वयं करेंगे। जिसके लिए न्यूनतम स्पेसिफिकेशन राज्य स्तर से निर्धारित किए गए हैं। शिक्षकों के द्वारा टेबलेट का देयक एवं स्पेसिफिकेशन MPSEDC के सहयोग से तैयार किये गये माडयूल में ऑनलाइन दर्ज किया जाना है। माडयूल पर दर्ज देयक अनुसार अधिकतम राशि रू. 10,000/- संबंधित शिक्षक के खाते में राज्य स्तर से ही सीधे जारी की जा रही है।
योजना में क्रय किये गये टेबलेट 4 वर्ष के उपयोग के बाद शिक्षकों के ही हो जायेंगे। टेबलेट की कार्यशीलता अवधि चार वर्ष मानते हुये राज्य स्तर से चार वर्ष तक टेबलेट को ट्रेक किया जायेगा। इसके पश्चात टेबलेट का मूल्य शून्य माना जायेगा। अर्थात चार वर्ष पश्चात टेबलेट का उपयोग शिक्षक स्वयं के कार्य के कर सकेंगे। शिक्षकों को सुविधा दी गई है कि वे चाहें तो अतिरिक्त राशि लगाकर टेबलेट क्रय कर सकते है। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए बहुसंख्य शिक्षकों के द्वारा प्रसिद्ध ब्रांडस् के उच्च स्पेसिफिकेशन वाले महँगे टेबलेटस् का क्रय भी किया गया है।
योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग प्रणाली अनुसार अब तक लगभग 1 लाख 44 हजार 620 शिक्षक टेबलेटस् क्रय की सहमति दर्ज कर चुके है। जिनमें से 1 लाख 4 हजार 969 शिक्षकों ने क्रय उपरांत प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन भी कर दिया है। लगभग 30 हज़ार शिक्षकों के द्वारा क्रय टेबलेटस् का भौतिक और तकनीकी सत्यापन भी विकासखंड स्तरीय क्रय समिति के द्वारा किया जा चुका है।