बिना भेदभाव के संवेदनाओं के साथ समाज सेवा करें नवचयनित प्रशासनिक अधिकारी : राज्य मंत्री परमार
नैतिक मूल्यों के साथ समरसतायुक्त और शोषणमुक्त समाज बनाने में दें योगदान : परमार
यूपीएससी एवं पीएससी में चयनित विद्या भारती के पूर्व छात्रों का अभिनंदन समारोह
भोपाल
स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) एवं सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने आज भोपाल स्थित "प्रज्ञादीप" सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान में संघ लोक सेवा आयोग एवं मप्र लोक सेवा आयोग परीक्षा में सफल विद्या भारती के पूर्व छात्रों के "अभिनंदन समारोह" में नवचयनित प्रशासनिक अधिकारियों को सम्मानित किया। राज्य मंत्री परमार ने सभी नवचयनित प्रशासनिक अधिकारियों एवं उनके अभिभावकों को बधाई दी।
राज्य मंत्री परमार ने कहा कि विद्या भारती में हिंदी भाषा में विद्यालयीन शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों का बड़ी संख्या में प्रशासनिक सेवाओं में चयन होना गौरव की बात है। भाषा सफलता में बाधा नहीं बन सकती, इसलिए इसे कमजोरी न समझकर हीन भावना से बचें। संस्थान ने जो नैतिक मूल्य और संस्कार दिए हैं, उन्हें अब संवेदनाओं के साथ समाज सेवा में उपयोग कर बिना भेदभाव के कार्य करने का महत्वपूर्ण अवसर है। परिवार, समाज एवं विद्यालय का योगदान उन्नति में निहित है, अपने आचरण को आदर्श बनकर ऐसे कार्य करें कि समाज के लिए प्रेरणा बनें। कार्यक्षेत्र में अनेक चुनौतियाँ आयेगी लेकिन नैतिक मूल्यों के आधार पर समरसतायुक्त और शोषणमुक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में अपनी भूमिका का जिम्मेदारी से निर्वहन करें। आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 में वैभवशाली, गौरवशाली, सर्वसंपन्न, सर्वशक्तिशाली एवं दुनिया का भरण-पोषण करने वाले विश्वगुरु भारत के पुनर्निर्माण के संकल्प को पूरा करने में अपना योगदान सुनिश्चित करें।
अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया ने कहा कि प्रदेश की संस्कृति और प्रकृति सर्वोत्कृष्ट है, यहाँ समाज सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। मातृभाषा ज्ञान प्राप्ति का सरल माध्यम है। चयनित अधिकारी सभी के साथ समान व्यवहार कर समाज की अपेक्षाओं के अनुरूप आचरण स्थापित कर अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक के हितों के लिए कार्य करें।
उपाध्यक्ष विद्या भारती रविन्द्र कान्हेरे, उपाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा मंडल डॉ. रमा मिश्रा, अध्यक्ष स्थायी पाठ्य पुस्तक समिति प्रकाश बरतूनिया, संस्थान के अन्य पदाधिकारी एवं नवचयनित अधिकारियों के परिजन उपस्थित थे। डॉ. नीलाभ तिवारी ने संचालन एवं राम भावसार ने आभार व्यक्त किया।