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अब चीन-PAK सीमाओं की निगरानी अमेरिकी ड्रोन से, दुश्मन की हर हरकत होगी फेल

नईदिल्ली

भारत की तीनों सेनाएं दुनिया के सबसे खतरनाक ड्रोन्स का इस्तेमाल करने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी यात्रा के दौरान MQ-9 Predator ड्रोन्स को खरीदने की डील हुई है. आसमान से निगरानी करने और चुपके से हमला करने में काबिल यह ड्रोन पाकिस्तान और चीन की सीमाओं के आसपास तैनात किए जाएंगे.  
      

इन ड्रोन्स को ट्राई सर्विसेज के तहत तैनात किया जाएगा. यानी ज्वाइंट कमांड के तहत. जल्द ही ग्राउंड स्टेशन हैंडलर्स और रिमोट पायलट की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी. इनका चयन तीनों सेनाओं से किया जाएगा. 16 ड्रोन्स समुद्री इलाकों की निगरानी के लिए होंगे. बल्कि बाकी चीन और पाकिस्तान की सीमाओं की निगरानी के लिए तैनात किए जाएंगे.

इसी ड्रोन से अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मारा गया था. इस ड्रोन की खासियत यही है कि उसके आने-जाने की खबर तक नहीं चलती, जब तक वह हमला नहीं कर देता. अमेरिका इसे हंटर-किलर यूएवी कहता है. एमक्यू 9 प्रीडेटर लॉन्ग रेंज एंड्योरेंस ड्रोन है. जो हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस रहता है. इसमें लगे R9X Hellfire Missile से जवाहिरी के अड्डे पर हमला किया गया है.

एमक्यू 9 प्रीडेटर रिमोट से उड़ाया जाता है. इसे अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स बनाती है. यह किसी भी तरह के मिशन के लिए भेजा जा सकता है. जैसे- सर्विलांस, जासूसी, सूचना जमा करना या फिर दुश्मन के ठिकाने पर चुपके से हमला करना. ज्यादा समय तक और ज्यादा ऊंचाई से निगरानी करने में सक्षम हैं.

इसकी रेंज 1900 KM है. यह अपने साथ 1700 KG वजन का हथियार लेकर जा सकता है. इसे चलाने के लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स की जरूरत होती हैं, जो ग्राउंड स्टेशन पर बैठकर वीडियो गेम की तरह इसे चलाते हैं. इस ड्रोन की लंबाई 36.1 फीट, विंगस्पैन 65.7 फीट, ऊंचाई 12.6 फीट होती है. ड्रोन का खाली वजन 2223 किलोग्राम होता है.

ड्रोन में 1800 किलोग्राम ईंधन की क्षमता होती है. इसकी गति 482 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है. जो 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन को देखकर उसपर मिसाइल से हमला कर सकता है. आमतौर पर 25 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ाया जाता है.

एमक्यू 9 प्रीडेटर पर हथियारों के नाम पर मिसाइल लगाए जाते हैं. इसमें सात हार्ड प्वाइंट होते हैं, दो इनबोर्ड स्टेशन, दो मिडल स्टेशन एक आउटबोर्ड स्टेशन और सेंटर स्टेशन. इसमें 4 AGM-114 Hellfire मिसाइलें लगी होती हैं, ये हवा से जमीन पर सटीकता से हमला करती हैं.  
     

इसके अलावा दो लेजर गाइडेड GBU-12 Paveway II बम भी लगाए जाते हैं. इन दोनों के बजाय आप इस ड्रोन पर अलग-अलग तरीके के हथियारों का उपयोग कर सकते हैं. जैसे- GBU-38, जो एक ज्वाइंट डायरेक्ट अटैक एम्यूनिशन है. इसके अलावा ब्रिमस्टोन मिसाइल  भी लगाए जा सकते हैं. सभी मिसाइलों और बमों का उपयोग जरुरत के मुताबिक होता है.
       
इस ड्रोन के अंदर खास तरह के राडार लगे हैं. पहला राडार है AN/DAS-1 MTS-B Multi-Spectral Targeting System जो किसी भी तरह के टारगेट को खोजकर उसपर हमला करने में मदद करता है. दूसरा है- AN/APY-8 Lynx II radar, यह निगरानी और जासूसी में मदद करता है. तीसरा है Raytheon SeaVue Marine Search Radar जिसके जरिए यह ड्रोन समुद्र की गहराई में छिपी पनडुब्बियों को भी खोज लेता है.

Pradesh 24 News
       
   

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