आज जाने अतीक अहमद गैंग से लोहा लेने वाली पूजा पाल की कहानी
प्रयागराज
उमेश पाल हत्याकांड के बाद जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद और उसके परिवार का नाम हर तरफ सुनाई दे रहा है. लेकिन एक नाम और भी हैं, जो चर्चाओं में बना हुआ है और वो नाम हैं सपा विधायक पूजा पाल का. जिनके पति राजू पाल को अतीक के गुर्गों ने सरेआम मौत के घाट उतार दिया था. तभी से वह अतीक अहमद गैंग के सामने निडरता से डटी रहीं. आइए आपको बताते हैं अतीक गैंग से लोहा लेने वाली पूजा पाल की कहानी…
कौन हैं पूजा पाल?
पूजा पाल का परिवार तत्कालीन इलाहाबाद शहर में कटघर मोहल्ले में रहता था. वहीं रहकर उन्होंने पढ़ाई लिखाई की. पूजा पाल की शादी 16 जनवरी 2005 राजू पाल के साथ हुई थी. तब राजू पाल इलाहाबाद शहर (पश्चिमी) सीट से बसपा विधायक थे. पूजा ब्याह कर अपनी ससुराल धूमनगंज स्थित उमरपुर नीवां पहुंची थी. उनकी शादी के महज 9 दिन बाद ही उनके विधायक पति राजू पाल की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. इसके बाद वो पति की हत्या के मामले में पैरोकार बनीं और उन्होंने सिसायत में कदम रखा.
पति की हत्या के बाद उपचुनाव में बसपा ने उन्हें टिकट दिया, लेकिन वह चुनाव हार गईं. हालांकि अगली बार साल 2007 के विधानसभा चुनाव में वह इलाहाबाद शहर (पश्चिम) से बसपा की विधायक चुन ली गईं. इसके बाद 2012 में भी पूजा ने दोबारा इसी सीट पर जीत दर्ज की. साल 2017 में उन्हें बीजेपी के सिद्धार्थनाथ सिंह ने चुनाव हरा दिया. लेकिन 2022 के विधान सभा चुनाव में पूजा पाल सपा के टिकट पर चायल से विधायक चुनी गईं.
2022 में चुनाव के दौरान उन्होंने जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें उन्होंने अपनी पति का नाम ब्रजेश वर्मा लिखा था. और अपना निवास मल्लावां, मेहंदी खेड़ा, गोसवा, हरदोई लिखा था. इस बात से खुलासा हुआ था कि पूजा पाल ने गुपचुप तरीके से दूसरी शादी कर ली थी.
राजू पाल ने हराया था अशरफ को
राजू पाल हत्याकांड की कहानी को समझने के लिए हमें करीब 18 साल पीछे जाना होगा. देश में आम चुनाव हो चुका था. साल 2004 में यूपी की फूलपुर लोकसभा सीट से बाहुबली नेता अतीक अहमद सपा के टिकट पर जीत हासिल कर सांसद बन चुके थे. उनके सांसद बन जाने से इलाहाबाद शहर (पश्चिम) विधानसभा सीट खली हो गई थी.
कुछ दिनों बाद उपचुनाव का ऐलान हुआ. इस सीट पर हुए सपा ने सांसद अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ को अपना उम्मीदवार बनाया. जबकि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अशरफ के सामने राजू पाल को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार दिया. जब उपचुनाव के नतीजे सामने आए तो अतीक अहमद के भाई अशरफ को हार का मुंह देखना पड़ा और बसपा प्रत्याशी राजू पाल ने जीत हासिल की.
दिन दहाड़े हुआ था राजू पाल का मर्डर
उपचुनाव में अशरफ की हार से अतीक अहमद के खेमे में खलबली थी. लेकिन धीरे-धीरे मामला शांत हो चुका था. विधायक बन जाने के महज कुछ दिनों बाद ही राजू पाल की शादी पूजा पाल के साथ हो गई थी. मगर राजूपाल के विधायक बनने और शादी की खुशी ज्यादा दिन कायम ना रह सकी. पूजा के हाथों की मेहंदी अभी पूरी तरह से उतरी भी नहीं थी कि 25 जनवरी 2005 को पहली बार विधायक बने राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई.
इस हत्याकांड में देवी पाल और संदीप यादव नाम के दो अन्य लोग भी मारे गए थे. जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस सनसनीखेज हत्याकांड ने यूपी की सियासत को गर्मा दिया था.
पूजा पाल ने दर्ज कराई थी FIR
इस सनसनीखेज हत्याकांड में सीधे तौर पर तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ का नाम सामने आया था. दिन दहाड़े विधायक राजू पाल की हत्या से पूरा इलाका सन्न था. बसपा ने सपा सांसद अतीक अहमद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उसी दौरान दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने थाना धूमनगंज में हत्या का मामला दर्ज कराया था. उस एफआईआर में सांसद अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ, खालिद अजीम को नामजद किया गया था. मामला दर्ज हो जाने के बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरु कर दी थी.
पूजा पाल का चचेरा भाई उमेश पाल था गवाह
विधायक राजूपाल हत्याकांज की जांच पड़ताल और छानबीन में जुटी पुलिस ने रात दिन एक कर दिया था. पुलिस ने इस हत्याकांड की विवेचना करने के बाद तत्कालीन सपा सांसद अतीक अहमद और उनके भाई समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस में राजू पाल की पत्नी पूजा पाल का चचेरा भाई उमेश पाल एक अहम चश्मदीद था. जब केस की छानबीन आगे बढ़ी तो उमेश पाल को धमकियां मिलने लगी थीं. अतीक के गुर्गे भी उसे डरा धमका रहे थे. उस वक्त उसने पुलिस और कोर्ट से सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी.
गवाह उमेश पाल का अपहरण
उमेश पाल पर लगातार अतीक के गुर्गे अपने बयान बदलने का दबाव बना रहे थे. उसे गवाही से पीछे हटने के लिए कह रहे थे. लेकिन जब वो नहीं माना, तो कहा जाता है कि बाहुबली अतीक ने साल 2006 में उमेश पाल को अगवा करा लिया था और उसे बंधक बनाकर रखा था.
उमेश से नाराज हो गई थी पूजा पाल
इसी के बाद उमेश पाल ने अदालत में जाकर राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के पक्ष में गवाही दी थी. इस बात से उसकी रिश्ते की बहन पूजा पाल काफी नाराज हुई थी. हालांकि अतीक चंगुल से मुक्त हो जाने के कुछ दिनों बाद इस मामले में उमेश पाल ने अतीक अहमद के खिलाफ थाने जाकर मुकदमा दर्ज करवाया था. उसने अतीक अहमद पर उसे अगवा कर जबरन अपने पक्ष में गवाही करवाने का आरोप लगाया था.
12 दिसंबर 2008
इसके बाद इस मामले में जांच और सुनवाई चलती रही. लेकिन राजू पाल की पत्नी पूजा पाल और उनका परिवार इस मामले की छानबीन से संतुष्ट नहीं था, लिहाजा इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने सीबी-सीआईडी को सौंपी दी थी.
10 जनवरी 2009
सीबी-सीआईडी ने पांच आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. उसमें मुस्तकिल मुस्लिम उर्फ गुड्डू, गुल हसन, दिनेश पासी और नफीस कालिया को आरोपी बनाया गया था.
पूजा पाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सीबी-सीआईडी की जांच से भी दिवंगत विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल और उनका परिवार नाखुश था. निराश होकर पूजा पाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई जांच की मांग की. मामले को सुनने के बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने 22 जनवरी 2016 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फरमान सुनाया था.
उमेश पाल ने घर जाकर मांगी थी माफी
जब राजू पाल हत्याकांड की सीबीआई जांच की बात सामने आई थी तो उमेश पाल को इस मामले में फंसने का डर सताने लगा था. इसलिए एक दिन वो पाल समाज के कई नेताओं और प्रभावशाली लोगों को लेकर राजू पाल के घर पहुंच गया था. और वहां उसने पूजा पाल के सामने हाथ जोड़कर कहा था कि अब सहयोग कीजिए और हम लोग गवाही देंगे. इस पूजा पाल ने कहा था कि आए हो तो निराश नहीं करेंगे. ईमानदारी से लड़ना चाहते हो तो साथ देंगे. इसके बाद पूजा पाल खुद कई बार उमेश को लेकर कोर्ट जाती थी.
सीबीआई जांच और चार्जशीट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राजू पाल हत्याकांड में नए सिरे से 20 अगस्त 2019 को मामला दर्ज किया और छाबनीन शुरू कर दी. करीब तीन साल विवेचना करने के बाद सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.