देश

असम में बाढ़ की चपेट में हैं 35 हजार लोग, पर सैलाब अभी बाकी है; फिर होगी बारिश

 गुवाहाटी

देश में एक तरफ कई राज्य भीषण गर्मी के बीच मानसून का इंतजार कर रहे हैं तो दूसरी तरफ असम भारी बारिश की वजह से बेहाल है। असम के कुल 31 में से 19 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं कम से कम 34 हजार लोग इस आपदा की चपेट में आ गए हैं जिन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा और अपना घर बार भी छोड़ना पड़ा। केवल लखीमपुर जिले में 22 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। दूसरे नंबर पर डिब्रूगढ़ है। असम आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाकसा, बारपेटा, बिस्वनाथ, चिरांग, दरांग, देमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, होजाई, कोकराझार, लखीमपुर, नागांव, नालबाड़ी, सोनितपुर, तामूलपुर, उदालगुरी जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा कामरूप में भी बाढ़ का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

पानी में डूबे कई गांव
आंकड़ों के मुताबिक असम के कम से कम 523 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। वहीं 5842 हेक्टेयर की फसल जलभराव की वजह से बर्बाद हो गई है। राज्य में लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं और अपने दायरे को तोड़कर रिहाइशी इलाकों तक प्रवेश कर गई हैं। हालांकि गनीमत यह है कि बाढ़ की वजह से अब तक कोई मौत रिपोर्ट नहीं हुई है। वहीं बाढ़ की वजह से कटाव हुआ है और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। ब्रह्मपुत्र नदी में चलने वाली फेरी सर्विस को रोक दिया गया है। मौसम विभाग ने की जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। एएसडीएमए ने कहा है कि भारी बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र और इसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है।

मौसम विभाग ने किया अलर्ट
एएसडीएमए ने यह भी कहा है कि भूटान में होने वाली भारी बारिश की वजह से भी ब्रह्मपुत्र नदी का  जलस्तर बढ़ गया है। नदी किनारे रहने वाले लोगों को चेतावनी दी गई है कि वे आपातकालीन किट के साथ तैयार रहें और नदी में ना उतरें। मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों में असम के कई जिलों में भारी से भारी वर्षा हो सकती है। दीमा हसाओ, करीमगंज और कामरूप में कई जगहों पर भूस्खलन की भी घटनाएं हुई हैं। हालांकि अभी तक यातायात बाधित नहीं हुआ। असम के बड़े शहर गुवाहाटी और सिलचर इन दिनों जलभराव का सामना कर रहे हैं।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button