तेजस्वी यादव को आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं नीतीश कुमार, JDU ने फिर RJD को घेरा
नई दिल्ली
रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप में लालू यादव का परिवार इन दिनों मुश्किलों का सामना कर रहा है। इस पूरे मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सधा हुआ ही बयान दे रहे हैं। वह 2017 की सिायासी घटना का जिक्र तो करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार या भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ उनके तेवर उतने तल्ख नहीं दिखते हैं। इस बीच मंगलवार को बिहार विधान परिषद में सत्तारूढ़ जनता दल युनाइटेड (JDU) ने रामचरितमानस विवाद को तूल दे दिया। और अपनी ही सरकार के शिक्षा मंत्री को जमकर घेरती दिखी, जो कि आरजेडी कोटे से आते हैं।
बिहार की राजनीति में बीते दिनों रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री चंद्रेशेखर के द्वारा दिए गए बयान पर खूब सियासी हंगामा हुआ था। समय बीतता गया और मामला ठंडा पड़ गया। हालांकि, जेडीयू ने मंगलवार को फिर इस मामले को तूल दे दिया। नीतीश कुमार के करीबी विधान परिषद सदस्य और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने मंगलवार को इस मामले पर शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर हंगामा काटा। चंद्रशेखर कल इस मामले पर सदन में फिर बोलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जेडीयू ने इसका विरोध कर दिया।
खूब हुई नोकझोंक
विधान परिषद में मंगलवार को शिक्षा विभाग के बजट पर सरकार के जवाब के दौरान शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर व सत्ता पक्ष के बीच धार्मिक ग्रंथों को लेकर नोकझोंक हुई। शिक्षा बजट पर मंत्री के जवाब के पहले से ही जदयू के नीरज कुमार गीता, कुरान और बाइबिल लेकर सदन में मौजूद थे। नीरज कुमार ने कहा, ''हम संविधान की चर्चा करें कि रामायण, महाभारत व कुरान में फंसे रहें। हम धार्मिक ग्रंथ की लड़ाई नहीं लड़ रहें, पढ़ाई व अवसर को लेकर लड़ रहे हैं।'' विधान परिषद के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर को बीच बचाव करना पड़ा।
आरजेडी को पहले भी घेर चुका है JDU
यह कोई पहला मौका नहीं था, जब जेडीयू ने अपनी ही सहयोगी पार्टी का इस मामले पर विरोध किया है। इससे पहले नीरज कुमार रामचरितमानस लेकर पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर पहुंच गए थे। वहां, उन्होंने अपने समर्थकों के साथ इसका पाठ भी किया था। वहीं, नीतीश कुमार के एक और करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने इस मामले पर आरजेडी की खूब खिंचाई की थी।