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वेयरहाउसिंग की मांग हुई और तेज, 2022किराये 3-8 प्रतिशत तक बढ़े: नाइट फ्रैंक

मुंबई
 भारत को विनिर्माण उद्योग का वैकल्पिक ठिकाना बनाने के वैश्विक कंपनियों के बढ़ते रुझान और संगठित खुदरा कारोबार के विस्तार के बीच देश के प्रमुख बाजारों में वेयरहाउंसिंग (भंडरण) सुविधाओं की मांग पिछले वित्त वर्ष में और तेज हो कर 5.13 करोड़ वर्ग फुट रही। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक की एक ताजा रिपोर्ट में यह तथ्य भी आया है कि इस दौरान दौरान ई-कॉमर्स क्षेत्र में मांग में गिरावट दर्ज की है।

रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान वेयरहाउसिंग की जगह का किराया भी तीन से आठ प्रतिशत के बीच बढ़ा। भारत में आठ प्राथमिक बाजारों और 17 अन्य द्वितीयक बाजारों में वेयरहाउसिंग लीजिंग के आकलन पर आधारित नाइट फ्रैंक इंडिया की प्रमुख रिपोर्ट 'इंडिया वेयरहाउसिंग मार्केट रिपोर्ट-2023' में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में, शीर्ष आठ बाजारों में 5.13 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच गयी जो अब तक इसका सर्वोच्च स्तर है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 से 2022-23 के बीच भंडारण सुविधाओं की मांग में साल-दर-साल औसतन 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “वेयरहाउसिंग बाजार में लगातार वृद्धि हुई है, पिछले वित्त वर्ष का लेन-देन का क्षेत्र फल एक साल पहले के ऐतिहासिक स्तर से भी अधिक रहा। उन्होंने कहा कि मांग में तेजी केवल शीर्ष आठ बाजारों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि द्वितीय स्तर के बाजारों में भी देखी गयी है, जो हाईवे नेटवर्क, रेल सिस्टम और हवाई परिवहन जैसे उन्नत बुनियादी ढांचे से जुड़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान विशेष रूप से मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता में किराए के वेयरहाउंसिंग के सौदों का नया रिकार्ड बना। थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) मैन्युफैक्चरिंग और रिटेल सेक्टर की गतिविधियों में उछाल से वेयरहाउसिंग की मांग भी तेज हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स फर्मों की ओर से वेयरहाउंसिंग लीज की मांग वार्षिक आधार पर 34 प्रतिशत की सबसे अधिक गति से वृद्धि दर्ज की गयी। विनिर्माण सेक्टर की ओर से मांग में वृद्धि 23 प्रतिशत रही। इस दौरान हालांकि ई-कॉमर्स क्षेत्र में मांग में गिरावट दर्ज की है। यह गिरावट मुख्य रूप से हाल के वर्षों में तेजी से भंडारण क्षमता के विस्तार और व्यसाय के तौर तरीके में धीरे-धीरे बदलाव के कारण हुआ है। खपत में वृद्धि को पूरा करने के लिए महामारी के दौरान निर्मित अतिरिक्त क्षमता के कारण ई-कॉमर्स सेक्टर द्वारा लेन-देन की मात्रा में पिछले वित्त वर्ष में 71 प्रतिशत की गिरावट दिखी। रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग में यह गिरावट अस्थायी होने की उम्मीद है, क्योंकि आगामी वर्ष में अतिरिक्त क्षमता समाप्त हो जाने के बाद सेक्टर की गतिविधि फिर से शुरू होने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को विनिर्माण क्षकता के लिए चीन के एक विकल्प के रूप में चुने जाने की दिशा में प्रगति से भी देश में वेयरहाउसिंग की मांग बढ़ी है। इस संबंध में एपल द्वारा भारतीय बाजार में शुरू की गयी योजनाओं का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। एपल आईफोन का निर्माण 2021 में भारत में केवल एक प्रतिशत था जो अब 7 प्रतिशत पहुंच गया है। 'मेक इन इंडिया' पर है और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) जैसी योजनाएं विनिर्माण उद्योगों की संभावनाओं का विस्तार कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार देश के आठ प्रमुख बाजारों में सात में वेयरहाउसिंग किराए वित्त वर्ष 2022- 23 में 3-8 प्रतिशत के बीच बढ़े।

नाइट फ्रैंक के अनुसार कार्यालय और आवासीय बाजारों की तुलना में वेयरहाउसिंग बाजार की मांग वित्त वर्ष 2023 में पिछले वर्ष की रिकॉर्ड ऊंचाई पर बनी हुई है। सौदों के क्षेत्र फल के हिसाब से पिछले वित्त वर्ष में मुंबई और दिल्ली(एनसीआर) क्रमश: 95 लाख वर्ग फुट और 86 लाख वर्ग फुट के साथ सबसे ऊपर रहे। बेंगलुरु और कोलकाता मात्रा में मांग क्रमशः 25 प्रतिशत और 18 प्रति की दर से बढ़ी। एनसीआर में मांग में सालाना आधार पर पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। महामारी के थमने के बाद से ऑटोमोबाइल और इंजीनियरिंग उद्योगों सहित विनिर्माण क्षेत्र की ओर से वेयरहाउसिंग की जगह की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है और वित्त वर्ष 2022-23 में कुल सौदों में इनका हिस्सा 39 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2023 में, 3पीएन सेक्टर द्वारा उपयोग किए गए कुल स्थान का 25 प्रतिशत मुंबई में था और उसके बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (23 प्रतिशत) का स्थान था।

 

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