बीजेपी मांडविया, जयशंकर, भूपेंद्र …राज्यसभा वाले मंत्रियों पर लोकसभा चुनाव में दांव खेल सकती है
नईदिल्ली
मोदी सरकार में बीजेपी के वो मंत्री जो राज्यसभा के रूट से संसद में पहुंचे हैं, उन्हें पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है। बताया है कि जिन केंद्रीय मंत्रियों का राज्यसभा में दूसरा कार्यकाल है, उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इसके अलावा बीजेपी राज्यसभा से आने वाले वरिष्ठ मंत्रियों को लोकसभा चुनाव लड़ाने पर भी विचार कर रही है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मनसुख मांडविया का राज्यसभा में दूसरा कार्यकाल चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक इन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है। अश्विनी वैष्णव और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी राज्यसभा सांसद हैं और उन्हें भी लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। सिंधिया जब कांग्रेस में थे तब ग्वालियर लोकसभा सीट से कई बार सांसद रह चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्यसभा से आने वाले तत्कालीन मंत्रियों रविशंकर प्रसाद, स्मृति इरानी और हरदीप सिंह पुरी को क्रमशः पटना, अमेठी और अमृतसर से लड़ाया था।
धर्मेंद्र प्रधान बीजेपी के अहम पोलिटिकल मैनेजर हैं और वह पहले ही लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। वह 2009 में ओडिशा की देवगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव जीत भी चुके हैं। हालांकि, बाद में हुए परिसीमन में वह लोकसभा क्षेत्र दो सीटों- धेनकनाल और संभलपुर में बंट गया।
चौसा जाति से ताल्लुक रखने वाले धर्मेंद्र प्रधान की उम्मीदवारी से ओडिशा की कई लोकसभा सीटों पर असर पड़ सकता है जहां उनकी जाति के अच्छे-खास वोटर हैं। बीजेपी उन्हें ओडिशा में नवीन-पटनायक युग के खत्म होने के बाद राज्य के भविष्य के नेता के तौर पर देख रही है।
इसी तरह, भूपेंद्र यादव भी राजस्थान से दूसरी बार राज्यसभा सांसद हैं और वह भी बीजेपी के लिए गुजरात और बिहार समेत कई राज्यों में अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इस बार उन्हें हरियाणा से बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। उनका जन्म हरियाणा में ही हुआ था।
केंद्र में मंत्री बनने के बाद अपने जन्म वाले राज्य में पहली रैली के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें भूमि पुत्र कहा था। रेवाड़ी के जमालपुर में हुई उस रैली में खट्टर ने यादव को हरियाणा का लाल बताया था। उससे ये संकेत मिला कि उन्हें भविष्य में हरियाणा में बीजेपी का चेहरा बनाया जा सकता है। वह आसान से राजस्थान या फिर हरियाणा से चुनाव लड़ सकते हैं।
मांडविया बीजेपी के सबसे प्रमुख पाटीदार नेताओं में से एक हैं। वह सौराष्ट्र क्षेत्र से आते हैं जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत खराब था। मांडविया को पीएम मोदी का भरोसेमंद माना जाता है। कोरोना महामारी के दौर में उन्हें पीएम ने स्वास्थ्य मंत्री बनाया। वह गुजरात के भावनगर के रहने वाले हैं।
इसी तरह, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल का ये उच्च सदन में तीसरा कार्यकाल है। उन्हें पार्टी में संसद के भीतर और बाहर संकटमोचक के तौर पर देखा जाता है। वह मुंबई से आते हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि पिछले कई चुनावों में बीजेपी के अभियान को पर्दे के पीछे से संभालने वाले गोयल को पार्टी लोकसभा चुनाव में उतारेगी या नहीं।
बीजेपी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को तमिलनाडु से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। दोनों ही तमिल ब्राह्मण हैं। सीतारमण का जन्म और पालन-पोषण तो तमिलनाडु में ही हुआ जबकि जयशंकर दिल्ली से हैं।
पिछले महीने जब तमिलनाडु के 20 अधीनम संतों ने प्रधानमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें सेंगोल भेंट किया था तब निर्मलासीतारमण भी वहां मौजूद थीं।