जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, दुनिया कर रही स्वीकार: विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद में कोई कमी नहीं आयी है तथा इस्लामाबाद ने 26 नवंबर (2008) के मुंबई आतंकवादी हमले के पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने के मामले में अभी तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई है। मंत्रालय ने 2022 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि भारत को बदनाम करने और अपनी घरेलू राजनीतिक एवं आर्थिक विफलताओं से ध्यान बंटाने के लिए पाकिस्तान ‘‘शत्रुतापूर्ण एवं मनगढ़ंत दुष्प्रचार'' को जारी रखे हुए है। इसमें कहा गया कि भारत की मंशा पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी वाले संबंध रखने की है तथा नयी दिल्ली का यह सतत रुख रहा है कि यदि कोई मुद्दा है, तो उसका समाधान आतंकवाद एवं हिंसा से मुक्त माहौल में शांतिपूर्ण एवं द्विपक्षीय आधार पर निकाला जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत ने उन समस्त मामलों पर पाकिस्तान की सभी कार्रवाई और बयानों को पूरी तरह से खारिज किया है, जिनका संबंध भारत के अंदरूनी मामलों से है।'' उसने यह भी कहा कि विभिन्न देशों के बीच इस बात को लेकर व्यापक समझ है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तथा इससे संबंधित मामले देश के अंदरूनी मामले हैं। मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत द्वारा पाकिस्तान को जनवरी 2004 में व्यक्त की गयी उसकी प्रतिबद्धता का पालन करने के लिए लगातार अनुरोध किये जाने के बावजूद सीमा पार आतंकवाद, घुसपैठ तथा नियंत्रण रेखा के पार से हो रही हथियारों की गैरकानूनी तस्करी में कोई कमी नहीं आई है।
पाकिस्तान ने जनवरी 2004 में प्रतिबद्धता व्यक्त की थी कि वह अपनी भूमि का उपयोग भारत के विरूद्ध आतंकवाद के लिए नहीं होने देगा।'' इसने कहा, ‘‘पाकिस्तान द्वारा 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के (पीड़ितों के) परिवारों को न्याय दिलाया जाना अभी शेष है। '' विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत इस बात की आवश्यकता पर बल देता रहा है कि पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय एवं पुष्टि योग्य कदम उठने चाहिए।