चुनावी साल में 500 सब इंस्पेक्टर्स की भर्ती की मंजूरी शासन से मिल सकती है
भोपाल
विधानसभा चुनाव वाले साल में पुलिस के अमले में 500 उपनिरीक्षकों की भर्ती की मंजूरी शासन की ओर से मिल सकती है। यह उम्मीद पुलिस मुख्यालय को जागी है। नतीजे में पुलिस मुख्यालय की ओर से एक प्रस्ताव उपनिरीक्षकों की भर्ती का शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव को चुनावी साल होने के मद्देनजर मंजरी मिलने की संभावना ज्यादा हैं।
प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षकों की कमी को दूर करने के लिए एक बार फिर पुलिस मुख्यालय ने प्रयास तेज किए हैं। इस बार भी 500 उपनिरीक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस प्रस्ताव को लेकर पुलिस मुख्यालय के आला अफसरों की गृह विभाग के अफसरों से बात हो गई है। बताया जाता है कि वित्त विभाग के अफसर भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने का मन बना चुके हैं। ऐसे में चुनावी वर्ष में शासन की ओर से उपनिरीक्षकों की भर्ती की मंजूरी मिलने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है। यदि इस साल मंजूरी मिली तो अगले साल इनकी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
इसलिए भी नहीं मिल रही थी मंजूरी
पदोन्नति पर रोक लगी होने के चलते कई वर्षों से उपनिरीक्षकों को भी निरीक्षक के पद पर पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते इस पद पर अफसरों की कमी महसूस नहीं हो सकी। अब जब पदोन्नति दिए जाने के पुलिस मुख्यालय ने रास्ता निकाल लिया है, तब अब फिर से इस पर पर सीधी भर्ती के अफसरों की मांग आने लगी।
नहीं मिल रही कई सालों से मंजूरी
प्रदेश पुलिस में वर्ष 2016 में उपनिरीक्षकों की भर्ती की मंजूरी मिली थी। जिस पर वर्ष 2017 में उपनिरीक्षकों को भर्ती किया गया था। इसके बाद से उपनिरीक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय से शासन के पास चार-पांच बार गए, लेकिन इनमें से किसी भी प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी नहीं दी। नतीजे में पुलिस में उपनिरीक्षकों की भर्ती नहीं हो पा रही है। इस पद पर कार्यवाहक के जरिए अधिकांश जिलों में काम चलाया जा रहा है।
हालांकि इससे पहले लगातार कुछ वर्षो तक उपनिरीक्षकों की भर्ती की गई थी, लेकिन सरकार बदलने और फिर कोरोना काल के चलते भर्ती नहीं हो सकी। इसके बाद उपनिरीक्षकों की भर्ती की जगह पर कार्यवाहक पदोन्नति दिए जाने का क्रम पुलिस मुख्यालय ने तेज कर दिया। दरअसल उपनिरीक्षकों को कार्यवाहक निरीक्षक बनाकर उन्हें पदोन्नत किया जा रहा है। निरीक्षक का पद पूरी तरह से पदोन्नति का है, लेकिन उपनिरीक्षक के पूरे पद पदोन्नति के नहीं है। इस पद पर सीधी भर्ती के अलावा सहायक उपनिरीक्षकों को पदोन्नति देकर उपनिरीक्षक बनाया जाता है।