छत्तीसगढराज्य

DGCA ने अंबिकापुर एयरपोर्ट में निकाली 80 कमियाँ

अंबिकापुर

अंबिकापुर के महामाया एयरपोर्ट पर ट्रॉयल लैंडिंग के बाद डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एवियेशन ने 80 खामियां निकाली है। एयरपोर्ट का लायसेंस मिलने के लिए इन खामियों को दूर करना होगा। हालांकि, ये खामियां मामूली हैं। अफसरों का दावा है कि जून अंत तक सब चीजें दुरूस्त करके डीजीसीए रिपोर्ट भेज दी जाएगी। अधिकारिक सूत्रों को उम्मीद है कि जुलाई के फर्स्ट वीक तक अंबिकापुर एयरपोर्ट को डीजीसीए से घरेलू उड़ान सेवा के लिए लायसेंस मिल जाएगा। इसके बाद कभी भी विमान सेवा प्रारंभ हो जाएगी। अफसरों ने एनपीजी न्यूज को बताया कि अंबिकापुर विमान सेवा शुरू होने के एकदम मुहाने पर है। अधिक-से-अधिक 15 अगस्त तक अंबिकापुर देश के घरेलू उड़ान सेवा से जुड़ जाएगा।

हालांकि, लायसेंस की प्रक्रिया के साथ ही जिला प्रशासन ने विमान कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है। देश में उड़ान योजना के तहत ग्रामीण इलाकों को जोड़ने के लिए जो नए एयरपोर्ट बने हैं, उसमें लगभग सभी में 72 सीटर एलायंस एयर की विमान सेवा है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और जगदलपुर में भी एलायंस एयर की उड़ानें हैं। मगर अंबिकापुर में इंडिगो से भी बात की जा रही है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक बातचीत में इंडिगो रायपुर से अंबिकापुर होते हुए वाराणसी तक विमान सेवा मुहैया कराने के सहमत दिख रहा है।

छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। रायपुर फ्लाइट सर्विसज से काफी पहले जुड़ चुका था। राज्य बनने से पहले रायपुर से नागपुर होते दिल्ली के लिए सुबह और शाम एक-एक जहाज थे। राज्य बनने के बाद बाद रायपुर में ट्रैफिक बढा और अब तीन दर्जन से अधिक विमान रोज रायपुर आते-जाते हैं। कई बड़े शहरों के लिए तीन-तीन, चार-चार फ्लाइट है रायपुर से। अंबिकापुर विमान सेवा वाला छत्तीसगढ़ का चौथा शहर होगा। जिस तरह एलायंस एयर को जगदलपुर से हैदराबाद और रायपुर के लिए पैसेंजर मिल रहा है, उसी तरह अंबिकापुर से रायपुर और वाराणसी के लिए काफी यात्री मिलेंगे।

एक तो छत्तीसगढ़ से वाराणसी के लिए कोई फ्लाइट नहीं है। रायपुर और बिलासपुर से प्रयागराज के लिए फ्लाइट है लेकिन, वहां से वाराणसी के लिए तीन घंटे लगते हैं। तीन घंटे का टाईम खराब तो होता ही है, टैक्सी से प्रयागराज जाने का किराया भी लगभग 3000 उपर से देना पड़ता है। याने रायपुर से प्रयागराज का पांच हजार का टिकिट हुआ, तो टैक्सी मिलाकर करीब-करीब 8 हजार रुपए पड़ जाता है। फिर अंबिकापुर माइनिंग एरिया है। देश की सबसे बड़ी सरकारी कोयला कंपनी एसईसीएल की माइनिंग है।

 अडानी को भी काम मिला है। फिर जशपुर, बलरामपुर, सूरजपुर कोरिया इलाके के लोगों को भी रायपुर आना आसान हो जाएगा। जशपुर के लोगों को कनेक्टिविटी की सबसे अधिक दिक्कत है। पत्थलगांव, रायगढ़ की सड़कें इतनी खराब हैं कि इधर से रायपुर नहीं आ सकते। उड़ीसा के संबलपुर होकर आते हैं तो 10 से 11 घंटे लगते हैं। उनके लिए अंबिकापुर से फ्लाइट पकड़ना ज्यादा सहूलियत होगा।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button