मेरी जिन्दगी का मकसद बहनों की जिन्दगी को बेहतर बनाना: मुख्यमंत्री चौहान
दस जून को आयेगी बहनों के खातों में राशि, 11 जून को बहनें कर सकेंगी आहरण
प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब वर्ग और महिलाओं के लिये किया है बहुत काम
पूर्व सरकार ने जो योजनाएँ बंद कर दी, हमने उन्हें पुनःशुरू किया
लाड़ली बहना सेना मैदानी स्तर पर करें योजनाओं की निगरानी
मुख्यमंत्री चौहान झाबुआ में महिला सम्मेलन में हुए शामिल
भगोरिया नृत्य और पुष्प-वर्षा से हुआ मुख्यमंत्री का स्वागत
भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मेरी जिंदगी का मकसद बहनों की जिन्दगी को बेहतर बनाना है। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिये अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इन योजनाओं में से अनूठी लाड़ली बहना योजना से बहनों में आत्म-निर्भरता आयेगी। आगामी 10 जून को बहनों के खातों में एक-एक हजार रूपये की राशि अंतरित की जायेगी। बहनें अगले दिन 11 जून को इस राशि का बैंक आहरण कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के हित में संचालित योजनाओं की मैदानी स्तर पर निगरानी के लिये हर गाँव में लाड़ली बहना सेना बनाई जा रही है। बहनें बेहिचक योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाली गड़बड़ियों की जानकारी मुझे दें। मैं गड़बड़ी करने वालों को छोडूंगा नहीं। मुख्यमंत्री चौहान आज झाबुआ में महिला सम्मेलन में शामिल हुए। बहनों ने मुख्यमंत्री का स्वागत भगोरिया नृत्य और पुष्प-वर्षा के साथ किया। मुख्यमंत्री को बहनों ने रक्षा-सूत्र बाँधे और एक बड़ी राखी भेंट की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोई बहन गरीब नहीं रहेगी और न ही मजबूरी में जीवन बितायेंगी। मैं अपनी बहनों की आँखों में आँसू नहीं आने दूंगा। लाड़ली बहना योजना से बहनें अपनी जरूरत एवं परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगी। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन से महिलाओं को जोड़ कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा है। मेरा संकल्प है कि प्रत्येक बहन की मासिक आय 10 हजार रूपये हो जाये। उन्होंने बहनों को स्व-सहायता समूहों से जुड़ने का आहवान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब एक नया ज़माना आया है, जहाँ महिलाएँ अधिक सशक्त होंगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं झाबुआ को प्रणाम करता हूँ, यहाँ बेटा और बेटी में भेदभाव नहीं किया जाता। मैंने अनेक जगह बेटियों के साथ भेदभाव होते देखा था। समाज की इस मानसिकता को बदलने के लिये प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू की गई। योजना से बेटियाँ अब बोझ नहीं वरदान मानी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बहनों को सम्मान देने के लिये हमने स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिये किया है। इसी का परिणाम है कि आज हमारी बहुत सी बहनें पंच-सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य एवं अध्यक्ष बनी हैं। बेटियों को पुलिस, शिक्षा सहित अन्य शासकीय भर्तियों में भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने उपस्थित सभी बहनों से आग्रह किया कि 10 जून की शाम को जब लाड़ली बहना योजना की राशि उनके खाते में डाली जायेगी तो वे उत्सव ज़रूर मनाये, अपने घरों में एक दीपक ज़रूर जलाएँ। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने भावनात्मक संवाद में कहा कि मैं वचन देता हूँ कि जिऊँगा तो बहनों के लिए और कभी मरना पड़ा तो मरेंगे भी अपनी बहनों के लिए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग़रीब वर्ग और महिलाओं के लिए बहुत काम किया है। मध्यप्रदेश में पूर्व की सरकार ने जो योजनाएँ बंद कर दी थी, उन्हें हमने पुनः प्रारम्भ किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कन्या-पूजन किया। जनजातीय दलों ने भजनों की सुंदर प्रस्तुति दी। महिलाओं ने लाड़ली बहना योजना पर केन्द्रित संदेशपरक नाटिका की प्रस्तुति भी दी। मुख्यमंत्री चौहान ने दोनों दलों को 25-25 हज़ार रूपये की सम्मान राशि भेंट करने की घोषणा की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया। साथ ही बहनों को लाड़ली बहना योजना के स्वीकृति-पत्र और हितलाभ वितरित किये। मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों और जन-सेवा मित्रों से संवाद कर शासकीय योजनाओं की प्रगति एवं क्रियान्वयन की जानकारी ली। झाबुआ के गिल रेस्ट हाउस में पीपल का पौधा भी रोपा। मुख्यमंत्री चौहान का झुलड़ी और साफा पहना कर पारंपरिक स्वागत किया गया और स्मृति-चिन्ह के रूप में तीर-कमान भेंट किया गया।
मुख्यमंत्री ने उदयपुरा बस्ती में घर-घर जाकर बाँटे स्वीकृति-पत्र
मुख्यमंत्री चौहान ने झाबुआ प्रवास पर वार्ड क्रमांक 16 की उदयपुरिया बस्ती में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के स्वीकृति-पत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने घर-घर जाकर बहनों को स्वयं स्वीकृति-पत्र देकर परिवार की कुशल-क्षेम जानी। बहनों ने अपने भाई शिवराज का आत्मीय स्वागत एवं अभिनंदन किया।
सांसद जी.एस. डामोर ने केन्द्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। अध्यक्ष युवा आयोग डॉ. निशांत खरे, अध्यक्ष इंदौर विकास प्राधिकरण जयपाल सिंह चावड़ा सहित भानू भूरिया, कल सिंह भाबर, सुनिर्मला भूरिया, शांतिलाल बिलवाल, हरिनारायण, जन-प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में नागरिक और महिलाएँ उपस्थित रही।