कांकेर .
कांकेर का ये वीडियो शिवनगर के दत्तक ग्रहण केंद्र का है, और ये बेरहम महिला वहां की प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी है। मां-बाप के ठुकराए जाने के बाद जिन्हें बच्चों को पालने की जिम्मेदारी दी जाती है। वही लोग जब हैवान बन जाते हैं तो सिस्टम पर सवाल उठना जायज है। दैनिक भास्कर को मिले इस वीडियो में महिला पहले एक बच्चे की पिटाई करती है, और फिर दूसरी बच्ची की भी पिटाई करने लगती है।
सीमा द्विवेदी ने बच्ची को पहले हाथ से मारा फिर बाल पकड़कर जमीन पर पटक दिया। जमीन पर गिरी बच्ची को दोबारा खड़ा किया और फिर बांह पकड़कर पलंग पर पटक दिया। बच्ची चीखती, चिल्लाती है, रोने लगती है लेकिन मैनेजर को तरस आना तो दूर, उसकी और पिटाई करने लगती है। दो आया वहां से गुजरती हैं, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती की बच्चों के साथ हो रही बर्बरता को रोक सके।
मासूम बच्चों से हैवानियत की हदें पार कर रही दत्तक ग्रहण अभिकरण की मैनेजर के खिलाफ कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने एफआईआर के निर्देश दिए हैं. साथ ही, महिला एवं बाल विकास विभाग के डायरेक्ट्रेट की टीम ने छापेमारी की है. यह टीम आज कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. कलेक्टर ने यह भरोसा दिलाया है कि आरोपी के खिलाफ विधि सम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि कांकेर स्थित विशेषीकृत दत्तक ग्रहण अभिकरण में मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद अब विभाग अलर्ट हुआ है.
ये वीडियो आप देखेंगे तो लगेगा कि दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर ही किस तरह मासूम बच्चों को बेरहमी से पीटकर उनकी मासूमियत का कत्ल कर रही है. वीडियो देखकर आपका भी खून खौल उठेगा. वजह और भी हैरान और परेशान करने वाली है. यह सब मैनेजर अपने बॉयफ्रेंड से झगड़े के बाद करती है. मैनेजर का नाम है सीमा द्विवेदी, जो एक एनजीओ की ओर से पदस्थ है. यहां सिर्फ मैनेजर ही नहीं, बल्कि महिला बाल विकास अधिकारी का भी कृत्य जान लीजिए. मैनेजर की शिकायत महिला बाल विकास अधिकारी से हो चुकी है और उक्त अधिकारी, जिनका नाम सीएस मिश्रा बताया जा रहा है, ने सिर्फ 50 हजार लेकर इन मासूमों पर बेरहमी का लाइसेंस दे दिया. अब जब वीडियो सामने आया है तो कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मीडिया से जांच और कार्रवाई की बात कही है.
8 कर्मचारियों की नौकरी गई, क्योंकि विरोध किया
दत्तक ग्रहण केंद्र में 0 से 6 साल के बच्चे हैं. इन बच्चों की गतिविधियों को निगरानी हो सके, इसलिए कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे रात को बंद कर दिए जाते हैं, क्योंकि देर रात कोई युवक आता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये युवक और कोई नहीं, बल्कि मैनेजर का बॉयफ्रेंड है. ऐसा नहीं है कि बच्चों के साथ मारपीट का किसी ने विरोध नहीं किया. आठ कर्मचारियों ने ऐसी हिमाकत की, जिसके बदले उन्हें काम से हटा दिया गया.
मैनेजर बॉयफ्रेंड का गुस्सा उतारती है मासूमों पर
कांकेर. बिन मां-बाप के बच्चे… समाज में ऐसे जुमले उन बच्चों के लिए इस्तेमाल होते हैं, जिनके मां-बाप नहीं होते. लोग उन्हें बेचारे की तरह देखते हैं. ऐसे बच्चों को मां-बाप का प्यार मिले, इसलिए सरकार ने दत्तक ग्रहण केंद्र शुरू किया. जब तक इन बच्चों को गोद लेने वाले कोई माता-पिता नहीं मिल जाते, तब तक इनके मां-बाप की जिम्मेदारी एक एनजीओ को सौंपी गई है. ये कोई निशुल्क सेवा नहीं करते, बल्कि उन्हें महिला एवम बाल विकास विभाग द्वारा आर्थिक मदद दी जाती है.
ये वीडियो आप देखेंगे तो लगेगा कि दत्तक ग्रहण केंद्र की मैनेजर ही किस तरह मासूम बच्चों को बेरहमी से पीटकर उनकी मासूमियत का कत्ल कर रही है. वीडियो देखकर आपका भी खून खौल उठेगा. वजह और भी हैरान और परेशान करने वाली है. यह सब मैनेजर अपने बॉयफ्रेंड से झगड़े के बाद करती है. मैनेजर का नाम है सीमा द्विवेदी, जो एक एनजीओ की ओर से पदस्थ है. यहां सिर्फ मैनेजर ही नहीं, बल्कि महिला बाल विकास अधिकारी का भी कृत्य जान लीजिए. मैनेजर की शिकायत महिला बाल विकास अधिकारी से हो चुकी है और उक्त अधिकारी, जिनका नाम सीएस मिश्रा बताया जा रहा है, ने सिर्फ 50 हजार लेकर इन मासूमों पर बेरहमी का लाइसेंस दे दिया. अब जब वीडियो सामने आया है तो कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने मीडिया से जांच और कार्रवाई की बात कही है.