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यह समय राजनीति का नहीं है… इस्तीफे के सवाल पर बोले रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव

ओडिशा  
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है। बीती रात हुए इस हादसा ने देश को दहला कर रख दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी भी घटनास्थल पर पहुंचे और राहत कार्यों का जायजा लिया। इसके बाद पीएम ने अस्पताल में जाकर घायलों के बारे में जानकारी ली और उनके बातचीत की। वहीं, विपक्ष के कई नेताओं ने इस हादसे की रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को जिम्मेदारी लेने की बात कही और उनके इस्तीफे की मांग की। वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस्तीफे की मांग पर कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है।

रेलमंत्री का जवाब
इस्तीफे के सवाल पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है। लोकल जनसेवक, एनडीआरएफ पुलिस सहित सभी पक्ष सामान्य हालात की बहाली पर फोकस कर रहे हैं। एक स्वतंत्र कमेटी द्वारा मामले की जांच की जा रही है, 15-20 दिनों में जांच रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट में सभी कारणों का पता चल जाएगा, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, यहीं हूं। प्रधानमंत्री भी यहं आए थे। उन्होंने घटना का जायजा लिया और घायलों से बात की थी।

मृतकों की संख्या बढ़कर 288 पहुंची
ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है। बालासोर जिले में 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ। अधिकारी ने शनिवार अपराह्न तक उपलब्ध रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘हादसे में 803 लोग घायल हैं। इनमें से 56 को गंभीर चोटें आई हैं।'' उन्होंने बताया कि दोनों एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में 2,200 से अधिक यात्री सवार थे।

रेलवे ने कहा कि ‘अप मेन लाइन' से गुजरते समय 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और हावड़ा से लगभग 280 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 171 किलोमीटर दूर स्थित बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक ‘लूप लाइन' में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।  उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल की ‘लूप लाइन' एक स्टेशन क्षेत्र में निर्मित की जाती है और इस मामले में यह बाहानगा बाजार स्टेशन है। इसका (लूप लाइन का) उद्देश्य परिचालन को सुगम करने के लिए अधिक रेलगाड़ियों को समायोजित करना होता है। रेलवे ने कहा कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि रेलगाड़ी के जो 21 डिब्बे पटरी से उतर गये, तीन डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गये और उसी समय वहां 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस विपरीत दिशा में गुजर रही थी।

मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, घायलों को दो-दो लाख रुपये
रेलवे ने कहा कि बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन ‘डाउन ट्रैक' पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के गिरे हुए डिब्बों से टकरा गई और इसके पिछले दो डिब्बे पटरी से उतर गए। अधिकारियों ने बताया, ‘‘कोरोमंडल एक्सप्रेस में आरक्षित टिकट वाले लगभग 1,257 यात्री सवार थे, जबकि बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरक्षित टिकट वाले 1039 यात्री यात्रा कर रहे थे।'' उन्होंने बताया कि कई अन्य यात्री भी थे जो दोनों ट्रेनों के अनारक्षित डिब्बों में यात्रा कर रहे थे। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

 

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