5 जून से आषाढ़ महीने की शुरुआत, 5 महीने बंद रहेंगे सभी मांगलिक और शुभ कार्य
हिंदू पंचाग के अनुसार 5 जून से आषाढ़ महीने की शुरुआत होगी। इसी माह में चातुर्मास शुरू होने जा रहा है। हिंदू धर्म में चातुर्मास का काफी महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, चातुर्मास आरंभ होते ही भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और फिर देवउठनी एकादशी के दिन निद्रा से जागते हैं। देवउठनी एकादशी के दिन ही चातुर्मास का समापन होता है। शास्त्रों में चातुर्मास के दौरान किसी भी शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। तो आइए जानते हैं कि चातुर्मास किस तिथि से शुरू हो रहा है और कब खत्म होगा।
चातुर्मास 2023 कब से शुरू होगा-
हिंदू पंचांग के मुताबिक, चातुर्मास की शुरुआत देवशयनी एकादशी से होती है। इस साल 29 जून 2023 को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसी दिन के बाद से भगवान विष्णु पूरे 5 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी से चातुर्मास शुरू होता है, जोकि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि तक रहता है। चातुर्मास 30 जून 2023 से शुरू होगा और 23 नवंबर को खत्म होगा।
इस बार 5 महीने तक क्यों है चातुर्मास?
आपको बता दें कि ऐसे तो चातुर्मास 4 महीने का होता है लेकिन इस बार चातुर्मास 5 महीने का रहेगा। दरअसल, इस साल सावन महीने में अधिकमास लग रहा है, जिससे सावन दो माह का हो जाएगा। इस तरह से भगवान विष्णु 4 माह की जगह 5 माह तक योग निद्रा में रहेंगे। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, जब तक (5 माह) विष्णु जी योग निद्रा में रहेंगे तब तक सृष्टि का संचालन भगवान भोलेनाथ करेंगे।
चातुर्मास के दौरान नहीं करने चाहिए ये काम
चातुर्मास में कई तीज-त्यौहार आते हैं तो इस दौरान पूजा पाठ की मनाही नहीं है। लेकिन चातुर्मास में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। जैसे- शादी-विवाह, गृह प्रवेश, नया वाहन खरीदना, नई प्रॉपर्टी खरीदना, घर का निर्माण, मुंडन, जनेऊ, भूमि पूजन, या फिर नया बिजनेस शुरू करना। इन सभी शुभ और मांगलिक कामों को चातुर्मास के समय नहीं करना चाहिए।
चातुर्मास के दौरान क्या करें
जमीन पर बिस्तर लगाकर सोएं
तुलसी जी की पूजा करें
रोजाना शाम के समय तुलसी में घी का दीपक जलाएं