Yellow fever के वैक्सीन की कमी से वापस लौट रहे लोग, अधिकारियों ने बताई ये वजह
लखनऊ
उत्तर प्रदेश की राजधानी में स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में अफ्रीकी और अमेरिकी महाद्वीपों की यात्रा के लिए Yellow fever के खिलाफ अनिवार्य टीकाकरण के लिए आने वाले यूपी और आसपास के राज्यों के लोग बिना खुराक लिए वापस लौटने को मजबूर हो गए हैं क्योंकि पिछले एक सप्ताह से वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है। अधिकरियों का कहना है कि वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है क्योंकि विश्वविद्यालय को हिमाचल प्रदेश के कसौली से ताजा आपूर्ति नहीं मिली है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "दरअसल, रूस और ब्राजील इसके मुख्य आपूर्तिकर्ता हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूस से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप कुछ हफ़्ते की देरी हुई है।" अफ्रीकी और अमेरिकी महाद्वीपों के देशों की यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य है कि वे Yellow fever का टीका लगवाएं, जो संक्रमित मच्छरों द्वारा तेजी से फैलता है।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में गूंजा लखनऊ का नाम, चाट को लेकर मोदी ने ये कहा चार राज्यों का केंद्र है केजीएमयू अधिकारियों के मुताबिक यह एक प्रकार का खतरनाक वायरल रोग है। वर्तमान में कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा नहीं है और 10 में से सात रोगी जीवित नहीं रहते हैं। चूंकि KGMU चार राज्यों – उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड के साथ-साथ नेपाल के लोगों के लिए Yellow fever के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत एकमात्र केंद्र है। भारत में केजीएमयू के अलावा टीकाकरण के 44 और केंद्र हैं।
टीकाकरण की वायरस को रोकने का तरीका चूंकि टीकाकरण ही वायरस को रोकने का एकमात्र तरीका है, इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अमेरिका और अफ्रीका की यात्रा करने वाले लोगों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि सूडान में संकट के कारण वहां जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है, फिर भी कई लोग टीके के लिए केजीएमयू आते हैं। सप्ताह में तीन दिन होता है टीकाकरण एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "टीकाकरण सप्ताह में तीन दिन किया जाता है। प्रत्येक टीकाकरण दिवस पर लगभग 10-12 लोग आते हैं। इनमें से लगभग 90% लोग यूपी से हैं और बाकी 10% उत्तराखंड, बिहार, झारखंड से आते हैं।"