न कुकी का भरोसा न मैतेई का साथ, MLAs भी छोड़ते हाथ; धर्मसंकट में CM बीरेन सिंह
मणिपुर
मणिपुर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शांति की अपील, जांच का भरोसा और कार्रवाई का आश्वासन दे दिया। इसके साथ ही उनकी चार दिवसीय पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा शांत हुई। दोबारा इस तस्वीर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह प्रमुख चेहरा बनकर सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि सीएम मैतेई और कुकी दोनों ही समुदायों की तरफ से नाराजगी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा सिंह पर हिंसा पर नियंत्रण करने असफल होने के आरोप लग रहे हैं।
बीरेन सिंह का धर्मसंकट
अब एक ओर जहां कुकी समुदाय यह मान रहा है कि मुख्यमंत्री सिंह का अतिक्रमण विरोधी अभियान पक्षपाती है और वह एक समुदाय का साथ दे रहे हैं। वहीं, मैतेई भी सीएम का साथ नहीं दे रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में मैतेई समुदाय के एक विधायक के हवाले से कहा गया कि 25-30 फीसदी समुदाय का सीएम को समर्थन है। जबकि, अन्य हिंसा को संभालने के तरीके के चलते नाराज हैं।
सरकार में भी चिंता
राज्य के 2 मंत्री, 5 भारतीय जनता पार्टी विधायक समेत कुल 10 कुकी विधायकों ने शाह को मेमोरेंडम सौंपा है, जिसमें मणिपुर के अलग प्रशासन की मांग उठाई गई है। कहा जा रहा है कि विधायकों को सीएम सिंह के नेतृत्व पर भरोसा नहीं रह गया है। इसपर एथिक्स एंड प्रिविलिजेज कमेटी के अध्यक्ष निशिकांत सिंह सापम ने 10 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इससे पहले 4 भाजपा विधायक सरकार के अलग-अलग विभागों में पद छोड़ चुके हैं। इस दौरान राज्य में सीएम के खिलाफ कई मुद्दों पर नाराजगी है। पहला तो 3 मई को शुरू हुई हिंसा संभालने के तरीके से हैं, जिसे रोकने में सरकार नाकाम रही। इसके बाद लगातार हो रही हिंसक घटनाओं को रोकने में भी सरकार की नाकामी नजर आई। खास बात है कि राज्य में एक असमंजस की स्थित तब बनी, जब यह कहा जाने लगा कि असम राइफल्स कुकी समुदाय के लिए लड़ रहे हैं।
हरकत में आया केंद्र
हालात बिगड़ते देख केंद्र ने भी कार्रवाई शुरू की और शाह के भरोसेमंद कहे जाने वाले सीआरपीएफ के पूर्व डीजी कुलदीप सिंह सीएम सिंह के सलाहकार के तौर पर मणिपुर पहुंचे। साथ ही राजीव सिंह को मणिपुर का डीजीपी बनाया गया है। खुद शाह भी चार दिनों के दौरे पर मणिपुर आए।