कांकेर .
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में डैम में गिरा मोबाइल ढूंढने 41 लाख लीटर पानी बहा देने के मामले में पखांजूर पुलिस ने 3 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास, एसडीओ राम लाल धीवर और सब इंजीनियर छोटे लाल ध्रुव के खिलाफ धारा 430 के तहत केस दर्ज किया गया है।
इस पूरे मामले में पहले एक आदेश जारी कर एसडीओ को भी सस्पेंड कर दिया गया था। बुधवार शाम को विशेष सचिव अनुराग पांडेय ने आदेश जारी किया। कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने साफ कह दिया था कि नोटिस में जो जवाब मिला वो संतोषजनक नहीं है। इसलिए इन पर कार्रवाई की जाए। असल में एसडीओ धीवर ने ही राजेश विश्वास को मौखिक इजाजत दी थी कि वे बांध से पानी निकाल सकते हैं। इसके बाद विश्वास ने फोन खोजने के लिए पूरा पानी ही बहा दिया।
आपको बता दें कि पखांजूर के सबसे बड़े खेरकट्टा परलकोट जलाशय के ओवरफ्लो पानी टैंक में फूड ऑफिसर का एक महंगा फोन करीब 10 से 15 फीट गहरा पानी में गिर गया था। पानी में गिरे फोन को निकालने के लिए 3-4 दिनों तक पंप लगाकर पानी को खाली किया गया, तब जाकर अफसर का मोबाइल निकाला गया।
मामले की जानकारी लगते ही कलेक्टर ने खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास को निलंबित कर दिया गया। वहीं आज एसडीओ रामलाल धीवर धीवर को सस्पेंड किया गया है।और अब एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
अब तक इस मसले पर क्या-क्या हुआ
- 1-प्रशासन ने सबसे पहले फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को सस्पेंड किया था।
- 2-फूड इंस्पेक्टर के लग्जरी लाइफ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं। जिसमें वे कार और पिस्टल के साथ नजर आए थे।
- 3- जल संसाधन विभाग ने फूड इंस्पेक्टर को 53 हजार रुपए जुर्माना लगाया था।
ये थी पूरी घटना
यह पूरा मामला 21 मई का है। फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास पिकनिक मनाने के लिए दोस्तों के साथ परलकोट बांध गए थे। पार्टी करने के दौरान सेल्फी लेते हुए उनका एक लाख रुपए का मोबाइल पानी में जा गिरा। अगले दिन सुबह आसपास के ग्रामीणों और गोताखोर से मोबाइल की खोज कराई गई। मोबाइल नहीं मिला तो 4 दिनों तक पंप के जरिए डैम का पानी बहाया गया। इससे डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी। इस पूरी मशक्कत के बाद राजेश को मोबाइल मिल गया। बाद में यह बात पता चली कि पानी निकालने एसडीओ ने विश्वास को अनुमति दी थी।
गंदा पानी पीने की मजबूरी
इस पूरे घटनाक्रम के सामने आने के बाद यह पता चला कि जिस बांध से पानी निकाला गया। वहां से एक किलोमीटर दूर बसे गांव में पीने के लिए साफ पानी तक नहीं है। लोग एक झिरिया के सहारे हैं। लोगों ने बताया कि हम हमेशा ऐसा ही पानी पीते हैं। कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके। मगर अब तक बात नहीं बनी है।