राजनीति

भाजपा पर भारी ना पड़ जाए येदियुरप्पा को लेकर यह असंतोष? चुनाव प्रचार समिति में बोम्मई को वरीयता

बेंगलुरु

कर्नाटक में भाजपा ने मुख्यमंत्री  बासवराज बोम्मई को पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया है। पहले चर्चा चल रही थी कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को यह जिम्मेदारी दी जएगी। हालांकि भाजपा के ही  सूत्रों का कहना है कि पार्टी येदियुरप्पा के प्रभाव को सीमित रखना चाहती है। वहीं लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले येदियुरप्पा को भाजपा ने कर्नाटक में मुख्य चेहरा घोषित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनका हाथ पकड़े नजर आए थे। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने एक रैली के दौरान कहा था, 'आप येदियुरप्पा और मोदी में भरोसा रखिए।'

हाई कमांड कर रहाथा तारीफ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी पार्टी के नेताओं से कहा था कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिलवाकर आप येदियुरप्पा के सपनों को पूरा करिए। जिस तरह से भाजपा हाईकमांड येदियुरप्पा की तारीफ कर रहा था उससे लगता था कि उन्हें चुनाव प्रचार समिति का हेड बनाया जाएगा। हालांकि शुक्रवार को ऐलान किया गया कि बोम्मई समिति के अध्यक्ष होंगे और येदियुरप्पा इसके सदस्य होंगे।

पार्टी के अंदर असंतोष
इस ऐलान के बाद पार्टी में येदियुरप्पा के समर्थकों में रोष भी है। वहीं पार्टी लीडरशिप का कहना है कि येदियुरप्पा अब 80 साल के हो गए हैं। वहीं बोम्मई मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में वही इस पद के लिए  सामान्य नियुक्ति हो सकते हैं। वहीं पार्टी में यह भी सवाल उठ रहे हैं कि भाजपा में आरएसएस कैंप के बीएल संतोष की वजह से तो ऐसा नहीं किया गया। दरअसल बीएल संतोष और बीएस येदियुरप्पा को एक दूसरे का विरोधी माना जाता है।

बीएल संतोष से विरोध पड़ा भारी?
भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा, यह किसी से छुपा नहीं है कि बीएल संतोष और येदियुरप्पा में मतभेद रहता है। आरएसएस गुट  पार्टी पर नियंत्रण चाहता है लेकिन उसे इस बात का भी पता है कि जीत के लिए येदियुरप्पा बहुत जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा के अहम को शांत करने के लिए पार्टी के नेताओं ने उनकी तारीफ की। लेकिन जब प्रचार समिति में नियुक्ति की बारी आई तो बीएल संतोष कैंप के हाथ में कमान दी गई। उन्होंने कहा कि हिजाब और हलाल रणनीति भाजपा की चाल थी लेकिन येदियुरप्पा इसके विरोध में थे।

वहीं दूसरे नेता ने कहा कि जब से येदियुरप्पा ने अपने बेटे बीवाई विजयेंद्र को ज्यादा ताकत दे दी थी तब से उनके ईसीसी अध्यक्ष बनने का विरोध हो रहा था। जब येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे तब भी कई नेताओं ने सवाल उठाए थे कि विजयेंद्र का नियंत्रण बढ़ रहा है। बता दें कि शुक्रवार को 25 सदस्यीय कर्नाटक चुनाव समिति का ऐलान किया गया है। इसमें येदियुरप्पा, विजयेंद्र, पार्टी की राज्य में अध्यक्ष नलिन कतील और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button