रायपुर
निवेशकों को साथ लेकर हमने आस पार्टी का गठन किया और पार्टी अगर जीतकर आती है तो हम उन सभी निवेशकों के पैसों को उन्हें वापस करेंगे। जिन महिलाओं को नौकरी से निकाला गया है उन्हें हम नौकरी पर रखेंगे। जब से छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ है तब से कांग्रेस और भाजपा दोनों ने मजदूर और किसानों के लिए कुछ भी नहीं किया है। इसलिए हमने एक नई पार्टी का गठन किया है जिसका नाम है आस। आस की उम्मीद जन्म लेने से लेकर मरने तक व्यक्ति करता है लेकिन उसकी आस पूरी नहीं हो पाती। आस की उम्मीद मत करो लेकिन उसे पाने के लिए हमेशा कोशिश करते रहो यही पार्टी का मुख्य उद्देश्य है।
आस पार्टी के संयोजक मनी राजवाड़े ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आजादी के 75 साल के बाद भी आज आम आदमी आस की उम्मीद में जी रहा है कि उनकी कोई न कोई तो सुनेगा। गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले अधिकंश मजूदर है, जबकि संविधान सबको एक वोट और एक परिवार के साथ रहने का अधिकार दिया है। वोट वाला समाज सड़कों पर नजर आ रहा है नोट वाला इंसान आलीशन बंगलों में।
आस पार्टी ने पांच महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिसमें सरकारी संसाधनों जिनका अभी तक उपयोग नहीं किया गया है उन्हें उपयोग में लाना है। दूसरा मजदूर से लेकर आईएएस, आईपीएस अधिकारी के बच्चे भी एक साथ एक ही विद्यालय में अध्ययन कर सके। ऐसा व्यवस्था लानी है। तीसरा अंगों का इलाज जिला अस्पताल में ही मुहैया कराना है, कोई मरीज रेफर हो तो उसे इलाज के लिए ना भटकना पड़े। चौथा सुलभ न्याय पाने के लिए ग्राम न्यायालय का गठन करना, पांचवा समस्त योजनाओं के लिए क्रियान्वयन हेतु गणनायक योजना लागू करना ।
किसान आयोग का गठन कर महिलाओं और पिछले वर्गों को शिक्षा संपत्ति और राज्य पाठ में बराबरी का हिस्सेदारी देना है। श्रम आयोग का गठन करना। ग्राम पंचायत में एक पंच से लेकर जिला पंचायत के अध्यक्षों तक का मालिकाना हक प्रदान करना और तथाकथित चिटफंड कंपनियों में जमा निवेशकों का पैसा सरकारी खजाने से वापस कराना। छत्तीसगढ़ के तथा कथित चिटफंड में कार्य करने वाले बेरोजगार युवाओं को नियमितीकरण प्रदान करने की भी जिम्मेदारी हमारे सरकार की होगा तथा मितानिन लोगों का ग्राम न्यायालय में नियमितीकरण प्रदान करना इससे उनका घर परिवार का पालन पोषण हो सके। औपचारिक केतर शिक्षकों को बुढ़ापे का सहारा प्रदान करने हेतु पेंशन बहाल युक्त नौकरी देना । ऐसा व्यवस्था हमारे सरकार की जिम्मेदारी है। गांव के पटेल व कोतवारों को नियमितीकरण कर नौकरी प्रदान करना शामिल है।