पुतला दहन: फिर जलाया पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री, विधायक सज्जन सिंह वर्मा का पुतला
आष्टा
हिंदू उत्सव समिति एवं सकल समाज द्वारा कॉलोनी चौराहे पर पुतला जलाया गया। उल्लेखनीय है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम एवं पंडित प्रदीप मिश्रा कुबरेश्वर धाम के खिलाफ धार्मिक मंच से इन संतों द्वारा दुकानदारी खोलने की बात कहने के विरोध में पुतला दहन किया गया। 2 दिन पूर्व सज्जन सिंह वर्मा एक भागवत कथा में शामिल हुए थे जहां उन्होंने भगवत कथा स्थल से ही दोनों संतो के बारे में यह बात कहते हुए बयान बाजी की थी। जिसका विरोध हिंदू उत्सव समिति आष्टा अध्यक्ष भविष्य कालू भट्ट एवं सकल हिन्दू समाज अध्यक्ष सुरेश सुराणा सहित समाज के सैकड़ों लोगों ने कॉलोनी चौराहे पर इकट्ठा होकर विरोध करते हुए सज्जन सिंह वर्मा का पुतला दहन किया।
उसके पूर्व उन्होंने सज्जन वर्मा मुर्दाबाद सज्जन वर्मा दुर्जन वर्मा के नाम से नारेबाजी की। हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष भविष्य कालू भट्ट का कहना है कि सज्जन सिंह वर्मा का नाम भले ही सज्जन सिंह वर्मा हो लेकिन वह भाषा दुर्जन वर्मा की तरह अमर्यादित बोलते हैं। किसी भी सार्वजनिक या राजनीतिक मंच पर से साधु संतों के खिलाफ ऐसी बयानबाजी हिंदू समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगा जगह-जगह उनका विरोध स्वरूप पुतला दहन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सज्जन सिंह वर्मा की पार्टी कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने रेस्ट हाउस आष्टा विश्राम गृह के सामने उनका पुतला दहन किया था और नारेबाजी की थी। जिसकी आंच ठंडी भी नही हुई थी कि आज दोबारा से सज्जनसिह वर्मा का पुतला जलाया गया।
सज्जनसिह वर्मा हमेशा से अपने बयानों से सुर्खियों में बने रहते हैं। इसे राजनीति स्टंट कहें या एक विशेष वर्ग में अपनी अलग छवि बनाने की की नाकाम कोशिश। यदि सज्जन सिंह वर्मा को लगता है कि इस प्रकार के बयान बाजी से एक खास वर्ग को वह यह संदेश देना चाहते हैं कि हम सभी का हित चाहते हैं तो वह यह भूल जाते हैं कि उनके नेता पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी स्वयं धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे ऐसे में सज्जन सिंह वर्मा की क्या सोच रही होगी यह तो वह स्वयं ही जाने। पुतला दहन में बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे जिसमें भविष्य कालू भट्ट हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष आष्टा सकल हिंदू समाज अध्यक्ष सुरेश सुराणा वार्ड 16 के पार्षद रवि शर्मा वार्ड 17 के पार्षद प्रतिनिधि विशाल चौरसिया मुकेश नामदेव आनंद गोस्वामी राम भाई कालू सोनी मनोहर भोजवानी सहित सैकड़ों की संख्या में हिंदू समाज के लोग शामिल रहे।