संसद की नई बिल्डिंग की RJD ने ताबूत से कर डाली तुलना
नई दिल्ली
आज संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन हो रहा है। लेकिन संसद की इस नई बिल्डिंग का कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और उन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने जिस तरह से नई संसद बिल्डिंग को लेकर ट्वीट किया है उसपर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल राष्ट्रीय जनता दल ने संसद की नई बिल्डिंग की तुलना ताबूत से की गई है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दो तस्वीरों को शेयर किया गया है।
एक तरफ ताबूत और दूसरी तरफ संसद की नई बिल्डिंग। इस तस्वीर के साथ पूछा गया है ये क्या है? राजद के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जो इतिहास दफन किया जा रहा है, इतिहास को बदलने का, इतिहास को मिटाने की जो कोशिश की जा रही है, हमने उसका विरोध किया है। भाजपा ने इस लोकतंत्र के मंदिर को अपना कार्यालय बना दिया है। मृत्युंजय तिवारी ने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि यह प्रश्नवाचक चिन्ह है, इतिहास को दफन किया जा रहा है, इसी को दिखाया गया है। हमारी पार्टी ने जो तस्वीर दिखाई है वह इतिहास को बदला जा रहा है उसे प्रतीकात्मक रूप से दिखाया गया है।
संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन से पहले पूजा में शामिल पीएम मोदी- स्पीकर ओम बिरला संविधान को ताक पर रखकर लोकतंत्र के पवित्र मंदिर का भी राजनीतिकरण हो रहा है, भगवाकरण हो रहा है तो उससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है। यह लोकतंत्र का मंदिर सबके लिए है, भाजपा 9 वर्षों से है तो इसका मतलब यह नहीं है कि सिर्फ भाजपा का इतिहास ही यहां दिखाया जाएगा। भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि आपको नहीं आना है मत आइए, लेकिन इस तरह का गैरजिम्मेदाराना बयान देना कतई ठीक नहीं है। अगर नया भवन बना है, पुराना भवन 90 साल पुराना है तो इसका क्यों विरोध हो रहा है। इन लोगों ने हर कदम पर विरोध किया है।