रायपुर
रायगढ़ जिले की रहने वाली पर्वतारोही याशी जैन ने पिछले दिनों माउंट एवरेस्ट फतह कर इतिहास रच दिया। छत्तीसगढ़ की पहली व भारत की सबसे कम उम्र की बिटिया है जिसने चार महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी को फतह करके तिरंगा संग बेटी बचाओ का परचम फहराया। रायपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाई जा रही गोधन न्याय योजना पूरे देश में लागू हो क्योंकि इस योजना से किसान समृद्ध हो रहे है। उन्होंने कहा कि आज की बेटियां किसी से कम नहीं है और कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है बस उनके हूनर को तरासने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि माऊंट एवरेस्ट की अंतिम छोर जिसे डेथ विल कहा जाता है वहां पहुंची तो उसे ऐसा लगा कि वह अब आगे नहीं बढ़ पाएंगी क्योंकि वहां न तो खाने-पीने की चीज मिलती है और न ही आॅक्सीजन। फिर भी वह हार नहीं मानी और माऊंट एवरेस्ट फतह करने वाली छत्तीसगढ़ के साथ ही भारत की सबसे युवा लड़की बन गई। अभी तक इतनी कम उम्र में किसी भी लड़की ने माऊंट एवरेस्ट फतह नहीं की है। अब वे तीन महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी की चढ़ाने करने की तैयारी में जुट गई है।
उन्होंने कहा कि तीन महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट फतह करके वहां भारतीय तिरंगा संग बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओं, गौधन न्याय योजना का परचम फहराया। क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा चलाए जा रहे गोधन न्याय योजना से किसानों की आमदनी बढ़ गई है और वे चाहती है कि इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाए।
योशी के पिता अखिलेश जैन जो कि बैंक मैनेजर है ने कहा कि हर माता-पिता का फर्ज बनता है कि वह अपने संतों को शिक्षा के साथ – साथ उनकी इच्छाओं को पूरा करें। बेटा और बेटी में फर्क न समझें। मेरी बेटी याशी ने माऊंट एवरेस्ट फतह कर मुझे तो गौरान्वित किया ही जैन समाज के साथ ही छत्तीसगढ़ व भारत को भी गौरान्वित किया।