भोपालमध्यप्रदेश

शराब की बोतलों पर बारकोड होलोग्राम में बड़ी गड़बड़ी, आयुक्त ने दिए जांच के निर्देश

 भोपाल।

शराब दुकानों से बेची जाने वाली महंगे दामों वाली शराब की बोतलों में बारकोड होलोग्राम (एक्साइज एडहेजिव लेवल) में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इसके  खुलासे के बाद आबकारी आयुक्त ने जांच के निर्देश दिए हैं।  वहीं विभाग की प्रमुख सचिव ने इस मामले से खुद को अनजान बताया है।

बारकोड को स्कैन में सस्ती शराब और कम मात्रा की जानकारी

आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव ने सभी उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता से शराब की बोतलों पर चस्पा किए जा रहे एक्साइज एडहेजिव लेवल (ईएएल) को स्कैन किए जाने के संबंध में जानकारी देने के लिए कहा है। इसमें कहा गया है कि यह देखें कि किन किन ब्रांड की शराब में इस तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है और इसका प्रतिशत क्या है?  दरअसल मामला तब सामने आया जब जिस ब्रांड की शराब कस्टमर खरीदते हैं, उसके बारकोड को स्कैन करने पर दूसरे ब्रांड की सस्ती शराब की जानकारी मिली और इसकी मात्रा भी 90 एमएल ही पाई गई। आबकारी आयुक्त श्रीवास्तव ने एक अन्य पत्र में सभी प्रभारी अधिकारी विदेशी शराब विनिर्माणी इकाई, देसी शराब विनिर्माणी इकाई और बीयर विनिर्माणी इकाई को तीन बिंदुओं पर जांच के लिए लिखा है कि शराब बोतलों पर चस्पा ईएएल की जांच के संबंधी में यूनिट्स में प्राप्त, स्टोर और चस्पा किए गए ईएएल का फिजिकल वेरीफिकेशन किया जाए। ईएएल को यूनिट में प्राप्त करने से चस्पा करने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जांच करें। यदि ईएएल को चस्पा किए जाने की त्रुटि से राजस्व हानि हुई है तो इस संबंध में भी स्पष्ट टीप दी जाए। इनसे कहा गया है कि तीन बिन्दुओं की जांच संभागीय उपायुक्तों को तत्काल सौंपेंगे।

लोकायुक्त छापे में फंस चुके प्रभारी आलोक खरे की मॉनिटरिंग पर सवाल
 इस पूरे मामले में ई आबकारी प्रभारी और रीवा जिले में पदस्थ आबकारी अधिकारी आलोक खरे की भूमिका और मानीटरिंग पर सवाल उठ रहे हैं। खरे पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि उनकी निगरानी के बाद शराब बोतलों में चस्पा होलोग्राम में ऐसी गड़बड़ी सामने आई। इस मामले में खरे से संपर्क करने पर बात नहीं हो सकी। आलोक खरे वही अधिकारी हैं जिनके विरुद्ध लोकायुक्त पुलिस ने एक साल पहले की गई छापे की कार्रवाई में करोड़ों की नकदी, फार्म हाउस और बेनामी प्रापर्टी के दस्तावेज जब्त किए थे। उनके विरुद्ध ईडी में भी शिकायत की गई है।

यह तो साफ है कि सावधानी नहीं रखी
ईएएल चस्पा किए जाने में गड़बड़ी की शिकायत सामने आई थी जिसकी जांच में कुछ गड़बड़ी सही पाई गई है। इसके बाद पूरे प्रदेश से इस संबंध में वेरीफिकेशन और जांच रिपोर्ट मांगी है। अभी कुछ नहीं कह सकते कि कितना नुकसान हुआ है, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी पर यह तो साफ है कि सावधानी नहीं रखी गई है।
ओमप्रकाश श्रीवास्तव, आबकारी आयुक्त

कोई जांच नहीं, जानकारी नहीं
होलोग्राम को लेकर कोई जांच नहीं करा रहे हैं। आबकारी आयुक्त द्वारा किसी तरह की जांच कराए जाने संबंधी पत्र जारी करने की भी जानकारी नहीं है।
दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव, वाणिज्यिक कर विभाग

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