सीटों का बंटवारा प्रत्याशियों की योग्यता के आधार पर होना चाहिए : नाना पटोले
मुंबई
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों की योग्यता के आधार पर सीटों के आवंटन पर जोर दिया जाएगा।
पटोले ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सीटों का आवंटन तय किया जाएगा।
उनकी पार्टी यानी कांग्रेस महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन की एक घटक है, जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना (यूटीबी) भी शामिल हैं।
पटोले ने कहा, "विधानसभा और लोकसभा के आगामी चुनावों के मद्देनजर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की विस्तारित कार्यकारिणी बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। महा विकास आघाड़ी के रूप में एक साथ लड़ते हुए, योग्यता के अनुसार सीटों के आवंटन पर जोर दिया जाएगा। सीट बंटवारे पर चर्चा करने से पहले प्रत्येक सीट का गहन अध्ययन किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि एमवीए भाजपा की "एकपक्षीय और अत्याचारी" सरकार को गिराने के लिए प्रतिबद्ध है।
पटोले ने कहा, "वर्ष 2014, 2019 से स्थिति अब अलग हैं। कांग्रेस जून के पहले हफ्ते में हर सीट की समीक्षा करेगी और फैसला लेगी।"
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र कांग्रेस की विचारधारा वाला राज्य है। विदर्भ में भी कांग्रेस ने अपना जनाधार बढ़ाया है। पिछले तीन सालों में हमने सभी चुनावों में बड़ी जीत हासिल की है, भाजपा को हराया है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर सीटें आवंटित की जाएंगी।"
उल्लेखनीय है कि राकांपा नेता अजीत पवार ने मंगलवार को कहा था कि एमवीए साझेदारों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत के दौरान सबसे पहले उन लोकसभा सीटों के बारे में चर्चा की जाएगी जिन पर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जीती है।
पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा था कि शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन एमवीए अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव ”शत प्रतिशत” मिलकर लड़ेगा।
भाजपा ने 2019 में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 पर जीत हासिल की थी। इसके बाद उसकी तत्कालीन गठबंधन सहयोगी शिवसेना ने 18 सीटें जीती थीं।
पवार ने कहा, " सीट बंटवारे का कोई फॉर्मूला नहीं है। उद्धव ठाकरे ने उनकी पार्टी द्वारा जीती गई सीटों को अपने पास रखने की इच्छा जताई थी। लेकिन इस पर आगे कोई चर्चा नहीं हुई। तीनों दलों के नेताओं को (वार्ता के लिए) नामित किया जाएगा।"