देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस से मेरठ, मुजफ्फरनगर की भी बढ़ेगी रफ्तार, कितने होंगे स्टॉपेज
मेरठ
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड को पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिलने जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से इस हाईस्पीड ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इस ट्रेन के चलने से दिल्ली से देहरादून तक का सफर तो आसान होने के अलावा कई और शहरों को भी सुविधा मिलेगी। दिल्ली से मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, रुड़की और हरिद्वार का सफर इससे आसान हो जाएगा। 8 कोच वाली वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में 6 दिन चलेगी। 25 मई को पीएम मोदी ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, लेकिन यात्रियों के लिए इसका संचालन 29 मई से शुरू होने जा रहा है।
यह ट्रेन बुधवार को छोड़कर सप्ताह में कुल 7 दिन चलेगी। दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन से रवाना के बाद यह ट्रेन सीधे मेरठ रुकेगी और फिर मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के रास्ते देहरादून तक जाएगी। रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ट्रेन देहरादून से सुबह 7 बजे निकलेगी और दोपहर 11:45 बजे आनंद विहार पहुंचा देगी। इसके बाद शाम को 5:50 पर आनंद विहार से रवाना होकर रात को 10:35 पर देहरादून पहुंच जाएगी। इस तरह शाम को दिल्ली से निकलने वाले लोगों को कुछ ही घंटों में देहरादून तक पहुंचने में सुविधा होगी।
रेलवे का कहना है कि यह ट्रेन हरिद्वार स्टेशन पर 4 मिनट के लिए रुकेगी। इसके अलावा सबसे अधिक सहारनपुर में 5 मिनट का स्टॉप होगा। वहीं अन्य स्टेशनों पर दो-दो मिनट के लिए ही ठहराव होगा। अब तक दिल्ली से देहरादून के रूट पर जन शताब्दी एक्सप्रेस सबसे तेज ट्रेन रही है। यह ट्रेन दिल्ली से देहरादून का सफर 5 घंटे 50 मिनट में तय करती रही है। देहरादून वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ ही देश में इनकी संख्या 17 हो जाएगी। इससे पहले दिल्ली से अजमेर, कटरा, भोपाल, अंब इंदौरा और वाराणसी जैसे शहरों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चल चुकी है।
बीते सप्ताह ही ओडिशा को भी वंदे भारत एक्सप्रेस दी गई है, जो पुरी से बंगाल के हावड़ा का सफर तय कर रही है। बता दें कि तेलंगाना को भी दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें मिल चुकी हैं। रेलवे के सूत्रों का कहना है कि आने वाले एक से डेढ़ साल के अंदर देश भर में करीब 200 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। यही नहीं स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी चलाने की तैयारी है। इन ट्रेनों को राजधानी एक्सप्रेस की तर्ज पर चलाया जाएगा। इनके जरिए दिल्ली से ज्यादातर राज्यों की राजधानियों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।