बिलासपुर
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना पशुपालको के हित में लिया गया ऐसा निर्णय है जिससे उन्हें वित्तीय मदद के साथ-साथ रोजगार भी मिल रहा है एवं वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे है। ग्रामीण महिलाओं को समूह के माध्यम से एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके आर्थिक मजबूती प्राप्त करने का रास्ता गोठानों ने बखूबी दिखाया है। गोठानों से ग्राम स्वावलंबन का सपना साकार हो रहा है।
जिले के किसान और पशुपालक अब समृद्धि की राह में आगे बढ़ रहे है। गोठान सुराजी ग्राम योजना अंतर्गत समृद्धि और खुशहाली का आधार बन रहे है। अब तक लगभग 8 हजार पशुपालकों ने गोबर बेचकर की 6.39 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई की है। शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के तहत जिला बिलासपुर के ग्रामीण क्षेत्रों के 336 गोठानों का निर्माण किया गया है। जिसमें मूलभूत सुविधा हेतु पेयजल, चारा, छाया इत्यादि की व्यवस्था की गई है। जिसमें बीमार पशुओं के इलाज एवं टीकाकरण का कार्य समय-समय पर पशुचिकित्सा विभाग द्वारा किया जाता है। इन 336 गोठानों में से 319 गौठानों में गोधन न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है जिसमें नियमित रूप से पंजीकृत पशुपालकों द्वारा शासन द्वारा निर्धारित दर दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है।
योजना प्रारंभ से अब तक 3 लाख 21 हजार 516 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है एवं गोबर खरीदी के विरूद्ध 6 करोड़ 39 लाख 76 हजार रुपए का भुगतान लगभग 8 हजार पशुपालकों को किया गया है। खरीदे गये गोबर में से अब तक 76 हजार 530 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 16 हजार 503 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट, 393.40 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस का उत्पादन किया जा चुका है, जिसमें से 58 हजार 413 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, 15 हजार 698 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट, 46.30 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट प्लस का विक्रय किया जा चुका है। उक्त खाद के विक्रय से ग्राम गौठान समितियों को 3 करोड़ 50 लाख 19 रुपए एवं स्व सहायता समूहों को 2 करोड़ 20 लाख 46 रूपए की आमदनी हुई है।