रायपुर
छत्तीसगढ़ में वन विभाग द्वारा चालू वर्ष 2023 में वर्षा ऋतु के दौरान हरियाली प्रसार एवं वन संवर्धन के लिए वृहद स्तर पर 02 करोड़ 91 लाख 20 हजार पौधे के रोपण एवं वितरण का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप उक्त वृहद वृक्षारोपण अंतर्गत अधिक से अधिक फलदार पौधों का रोपण के कार्य को प्राथमिकता से शामिल किया गया है। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है।
इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि विभागीय योजनांतर्गत 7065 हेक्टेयर तथा 20 कि.मी. में 64 लाख 64 हजार पौधे, मनरेगा अंतर्गत 70 हेक्टेयर एवं 60 कि.मी. में 90 हजार 800 पौधे, कैम्पा अंतर्गत 4016 हेक्टेयर में 22 लाख 27 हजार पौधे एवं अन्य योजनांतर्गत 80 हेक्टेयर में 2 लाख पौधों के रोपण से राज्य हरितिमा से आच्छादित होगा। उल्लेखनीय है कि वृक्षारोपण अंतर्गत 59 लाख 76 फलदार पौधे जिसमें आम, जामुन, बेल, कटहल, मुनगा, सीताफल, पपीता, अनार, नींबू, शहतूत, बादाम, बेर, तेन्दू, गंगा ईमली, लीची, आदि प्रजाति के पौधों का रोपण एवं 67 लाख 49 हजार लघु वनोपज एवं वनौषधि जैसे पुत्राजीवा, काला सिरस, सिंदूरी, गरूड़, रीठा, चित्राक, एलोविरा, गिलोय, अडूसा, अश्वगंधा, सर्पगंधा, तुलसी, छोटा करोंदा आदि प्रजाति तथा 30 लाख 42 हजार बांस के पौधों का रोपण एवं वितरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजनांतर्गत कुल 21640 कृषकों की निजी भूमियों पर 33800 एकड़ रकबा में 2 करोड़ 13 लाख 32 हजार 300 का पौधा का रोपण किया जाएगा, जिसमें से प्रदेश में 662 हेक्टेयर क्षेत्र में 2 लाख 84 क्लोनल बांस एवं 663 हेक्टेयर क्षेत्र में 2 लाख 98 हजार साधारण बांस का रोपण किया जाएगा। इस प्रकार वन विभाग विभिन्न संस्थानों एवं आमजन के सामूहिक प्रयासों से आगामी वर्षा ऋतु में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वृहद वृक्षारोपण तो प्रदेशभर में किया ही जाएगा, भविष्य में वन आधारित निजी जरुरतों की पूर्ति और वनोपज की बिक्री से अतिरिक्त आय का साधन भी प्रदेशभर के निवासियों को प्राप्त होगा।