नहीं खत्म हो रही सरकार और विपक्ष के बीच तल्खी, ब्रजेश पाठक ने अखिलेश को घेरा तो मिला ये जवाब
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में विधानसभा के सत्र के दौरान प्रयागराज की घटना को लेकर सीएम योगी और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का दौर चला था। इस तीखी नोंकझोंक के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने आवास पर भोज देकर पक्ष और विपक्ष के बीच दूरियां कम करने की कोशिश की थी लेकिन सदन के समाप्त होते ही ये तल्खी एक बार फिर बढ़ती दिखाई दे रही है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अखिलेश को घेरा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था जिसको लेकर यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को पलटवार किया कहा कि दरअसल सपा बॉस 'अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश' कर रहे थे।
अखिलेश को मिलती 'भ्रष्टाचार भूषण' की उपाधि
पाठक ने कहा कि अखिलेश पर घोटालों को 'संरक्षण' देने और 'बचाव' करने का आरोप लगाया, जिन्हें अंततः लोकायुक्त द्वारा अभ्यारोपित किया गया था। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों के लिए कोई पुरस्कार होता तो सपा प्रमुख को 'भ्रष्टाचार भूषण' की उपाधि मिलती। उन्होंने जोर देकर कहा कि, गोमती रिवरफ्रंट, खनन, राशन और लैपटॉप घोटाले सहित कथित घोटालों को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, "सभी जानते हैं कि अखिलेश ने क्या किया।"
अखिलेश ने मोदी सरकार पर लगाए थे आरोप
5 मार्च को, अखिलेश टीएमसी प्रमुख, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित आठ विपक्षी नेताओं में शामिल हो गए थे। यहां उन्होंने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग करके विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है।