नई संसद तैयार है, 26 मई को हो सकता है उद्घाटन; PM के लिए है खास दिन
नईदिल्ली
नए संसद भवन का इंतजार बस खत्म होने को है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिक रूप से 26 मई को उद्घाटन कर सकते हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसे लेकर अब तक कुछ नहीं कहा गया है। त्रिकोणीय आकार के भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 में शुरू हुआ था, जिसका काम अगस्त 2022 को शुरू हुआ था।
खास बात है कि पीएम मोदी ने 9 साल पहले यानी 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, इस बात की संभावनाएं कम ही हैं कि साल 2023 का मानसून सत्र नए भवन में हो। वहीं, सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि जी20 देशों की संसद के स्पीकर्स की बैठक इस नए भवन में आयोजित हो सकती है।
पीएम मोदी ने बताया था मील का पत्थर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। तब उन्होंने कहा था कि भारत के संसद भवन के निर्माण की शुरुआत हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। उन्होंने कहा था संसद की इस नई इमारत से कुछ भी अधिक सुंदर या अधिक शुद्ध नहीं हो सकता, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा।
नए संसद भवन के बारे में जानें
64 हजार 500 वर्ग मीटर के दायरे में बनी इमारत में चार मंजिलें होंगी, जहां 1224 सांसद मौजूद रह सकते हैं। नए संसद भवन में तीन मुख्य द्वार होंगे, जिनका नाम ज्ञान द्वान, शक्ति द्वार और कर्म द्वार होगा। इस भवन में सांसदों, VIPs के अलग से एंट्री होगी। वहीं, अन्य विजिटर अलग द्वार से प्रवेश करेंगे। यहां एक लाइब्रेरी, कई समितियां और डाइनिंग रूम होंगे।
भवन की सबसे बड़ी विशेषता संविधान हॉल है। कहा जा रहा है कि इस विशाल हॉल में संविधान की प्रति रखी जाएगी। इसके अलावा महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और भारत के अन्य प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी संसद भवन में मौजूद होंगी। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि कोणार्क के सूर्य मंदिर का मॉडल भी नए संसद भवन में होगा।
बढ़ेगा राज्यसभा और लोकसभा का आकार
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त और ऊर्जा कुशल होगा। मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी बढ़ाया गया है। नए भवन को भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला से मिलाकर सजाया जाएगा। डिज़ाइन योजना में केन्द्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है। आम लोग इसे देख सकेंगे।