‘अभी राजनीति मत करो’ मणिपुर हिंसा पर भड़का BJP आलाकमान, शांति बहाली पर जोर
मणिपुर
मणिपुर में लगातार बिगड़ती स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खासा परेशान है। खबर है कि पार्टी ने मणिपुर में गुटों को कड़े शब्दों में राजनीति करने से अभी बचने की सलाह दी है। साथ ही पार्टी जल्द से जल्द राज्य में हालात सामान्य करना चाहती है। रविवार को ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह समेत राज्य के चार मंत्रियों ने मुलाकात की थी। मणिपुर में मैतेई समुदाय और कुकी-जोमी जनजातियों के बीच तनातनी जारी है।
रिपोर्ट में भाजपा नेता के हवाले से बताया गया, 'दोनों पक्षों को राज्य में हालात सामान्य करने पर ध्यान लगाने के लिए कहा गया है। दो समूहों के बीच जारी विवाद, जिस तरह बढ़ा है उससे नेतृत्व खुश नहीं है। राज्य में शांति स्थापित करने का संदेश दिया गया है और कहा गया है कि ज्यादा राजनीति मत करो अभी।'
कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने दोनों ही पक्षों को मामला सुलझाने और परेशानी सुने जाने का भरोसा दिया है, लेकिन प्राथमिकता राज्य में शांति बहाल करने की है। दरअसल, कुकी समुदाय से आने वाले भाजपा के 10 विधायकों ने मांग उठा दी थी कि अलग से कुकी प्रशासन तैयार किया जाए। राज्य में जारी हिंसा के दौरान इन विधायकों में शामिल लेतपाओ हाओकिप, नेमचा किपजन, वुंजगिन वालते का नाम शामिल है।
क्या हैं राज्य के हाल
3 मई को चूड़ाचंद्रपुर में एक रैली के दौरान राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय के खिलाफ कुछ जनजातीय छात्रों ने हिंसा कर दी थी। अधिकारियों के अनुसार, हिंसा में अब तक 73 लोगों की मौत हो चुकी है। साल 2008 में केंद्र और मणिपुर सरकार ने दो कुकी गुटों (कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट) के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इस समझौते का मकसद हिंसा को बंद कर और राजनीतिक स्तर पर चर्चा शुरू करना था। समय-समय पर इसे रिन्यू किया जाता रहा। हालांकि, मार्च में सीएम सिंह की सरकार ने समझौता वापस ले लिया और आरोप लगाए कि ये समूह आंदोलनों को भड़का रहे हैं।
सियासी असर
खबरें हैं कि राज्य में नेतृत्व बदले जाने की मांग उठ रही है। इसकी गूंज दिल्ली तक भी पहुंच चुकी हैं, लेकिन मैतेई समुदाय के बीच सीएम सिंह की लोकप्रियता को भी भाजपा जानती है और जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती। सोमवार को शाह ने कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों और मिजोरम के कुछ संगठनों से मुलाकात की। उन्होंने भरोसा दिया है कि राज्य में सभी समुदायों को सुरक्षित रखने के लिए सभी उपाय किए जाएंगे। इससे पहले शाह ने मैतेई समुदाय से मुलाकात की थी।