अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह के परिक्रमा पथ पर छत लगाने का काम पूरा
अयोध्या
श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में गर्भगृह के परिक्रमा पथ में छत लगाने का काम पूरा हो गया है। अब मंदिर के अलग-अलग स्तरों पर लेवल का मिलान कर आवश्यकतानुसार नियत स्थान पर छत लगाने का काम हो रहा है। इसके साथ ही गर्भगृह से अलग गूढ़ी मंडप अंदरुनी हिस्से में सैंड स्टोन की खूबसूरत नक्काशीदार जालियां भी लगवाई जा रही है।
इन्हीं में से एक दीवार की जाली सोशल मीडिया में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से साझा की गई है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर की ताजा तस्वीरें भी शुक्रवार को जारी कीं। निर्माण की प्रगति की तस्वीरें ट्विटर हैंडल से शेयर की गई हैं।जनवरी में रामलला को विराजमान कराए जाने की तैयारी है।
इस बारे में तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र का कहना है कि राम मंदिर निर्माण की सचित्र प्रगति रिपोर्ट कार्यदाई संस्था एलएण्डटी की ओर से हर हफ्ते तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टीज को भेजी जाती है। इसी रिपोर्ट की ताजा तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की गई हैं। उन्होंने बताया कि वायरल फोटो में दिखाई दे रही सुनहरी जारी मकराना मार्बल की नहीं है बल्कि सैंड स्टोन की है।
इस जारी को सिंहद्वार के बाद गूढ़ी मंडप सहित अलग-अलग मंडपों की दीवारों में लगाई जा रही है जिससे कि सम्बन्धित हिस्सा हवा दार रहे और रोशनी भी आ सके। यहां यह जान लेना जरूरी है कि इस जारी के बाहरी हिस्से में निश्चित दूरी पर मंदिर के अपर प्लिंथ की दीवार मौजूद हैं।
निर्माणाधीन राम मंदिर के भूतल पर गर्भगृह को छोड़कर अवशेष हिस्से में बंशीपहाड़ पुर के पिंक सैंड स्टोन के नक्काशी दार 160 स्तंभ लगाए गये हैं। करीब 20 फिट ऊंचे स्तम्भों के मध्य उन्हें जोड़ने के लिए कलात्मक अर्द्ध वृताकार आर्च बनाया गया है जिसके ऊपर बीम लगाने का काम जारी है। राम मंदिर की कार्यदाई संस्था एलएण्डटी के मुख्य परियोजना निदेशक इं. वीके मेहता का कहना है कि भूतल में करीब चार सौ बीम लगाने जाने हैं। इनमें से अब तक 250 से अधिक बीम लगाने जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त शेष पर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि यह कार्य जून में पूरा कर लिया जाएगा।