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एक नेता मारने के एक करोड़, अमृतपाल वाला ISI का वो खौफनाक ‘K-प्लान’

नई दिल्ली
 इस साल की शुरुआत में दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे आतंकियों को पकड़ा था जिन्होंने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को मर्डर का डेमो दिखाने के लिए एक शख्स की जान ले ली थी। सिर कलम कर दिया। शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और इन सबका वीडियो बनाकर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को था। अब दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसके डीटेल जान दंग रह जाएंगे। इन आतंकियों को चुना था आईएसआई के K2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क ने और निशाने पर थे शिवसेना, बजरंग दल के हाई प्रोफाइल नेता। कांग्रेस के भी एक बड़े नेता उनकी हिट लिस्ट में थे। हर मर्डर पर आईएसआई ने 1 करोड़ रुपये देने का वादा किया था। मर्डर के बाद आतंकियों को छिपाने के लिए अमृतपाल सिंह के घर को सुरक्षित ठिकाने के तौर पर तय किया गया था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों आतंकियों- जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब (29) और नौशाद (56) के खिलाफ अनलॉफुट ऐक्टिविटीज (प्रिवेंशन) ऐक्ट यानी UAPA के तहत बुधवार को चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने जो दावे किए हैं, वे होश उड़ा देने वाले हैं। इन आतंकियों को हर टारगेट किलिंग पर आईएसआई की तरफ से कम से कम 1 करोड़ रुपये मिलने वाले थे। हत्याओं के बाद इन्हें वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल सिंह के घर पर ठहराये जाने का प्लान था क्योंकि वह इतना 'सुरक्षित' माना जाता था कि 'पुलिसवाले तक वहां नहीं जाते थे'।

जांच के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकी जगजीत सिंह जस्सा उर्फ याकूब और नौशाद को शिवसेना के एक नेता को मारने का काम सौंपा गया था, जिसके लिए उन्हें 1 करोड़ रुपये मिलने वाले थे। कांग्रेस के एक नेता की हत्या पर उन्हें डेढ़ करोड़ रुपये मिलने वाले थे। इसके अलावा बजरंग दल के एक नेता और एक खालिस्तान-विरोधी बड़े चेहरे की हत्या पर भी उन्हें डेढ़-डेढ़ करोड़ रुपये देने का वादा किया गया था। बजरंग दल के नेता की हत्या के लिए नौशाद को हवाला के जरिए 2 लाख रुपये अडवांस में दिए भी जा चुके थे। इनके अलावा उन्हें हरिद्वार में दो साधुओं की हत्या और लाल किले पर हमले का भी टारगेट दिया गया था।

उन्हें लाल किले पर सुरक्षाकर्मी को गोली मारने और वहां ग्रेनेड से हमले का टारगेट दिया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, आईएसआई ने उन्हें हैंड ग्रेनेड भी मुहैया कराए थे जो उनके पास से बरामद हुए थे। इन हत्याओं के लिए फंडिंग प्रतिबंधित 'सिख फॉर जस्टिस', घोषित आतंकी अर्श दल्ला और आईएसआई समर्थक खालिस्तानी गुटों की तरफ से होनी थी।

पुलिस के पास आतंकियों और आईएसआई के बीच हुए चैट्स का डीटेल है। उसके मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का के-2 (कश्मीर-खालिस्तान) डेस्क इन दोनों आतंकियों के बर्बर कारनामे से बहुत प्रभावित था। दोनों ने 15 दिसंबर को दिल्ली के रहने वाले राजकुमार गुप्ता की बेरहमी से हत्या की थी। उन्हें दौड़ाकर उनका गला काट दिया था। ये आईएसआई की तरफ से आतंकियों को दिया गया पहला टास्क था। दोनों आतंकियों ने टारगेट राजकुमार गुप्ता के हाथ पर बने शिवजी के बड़े टैटू से उनकी पहचान की। बाद में आतंकियों ने सिर कलम करने के वीडियो को पाकिस्तान में बैठे आईएसआई के हैंडलरों को भेजा था। हालांकि, जबतक वो अगले मर्डर को अंजाम देते, स्पेशल सेल की गिरफ्त में आ गए। पुलिस ने आतंकियों और उनके हैंडलरों के बीच हुए कम्यूनिकेशन को इंटरसेप्ट किया था, जिसके बाद इन्हें पकड़ा गया।

पुलिस ने बताया कि नौशाद आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार का सदस्य था और हत्या के दो मामलों में उसे उम्रकैद की सजा हुई थी। विस्फोटक रखने के मामले में भी उसे 10 साल की सजा हुई थी। जस्सा पंजाब के बम्बिहा गैंग का करीबी था। वह उत्तराखंड में हत्या के एक मामले में परोल पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था। बाद में वह आतंकी घोषित किए जा चुके दल्ला और सूखा दुनेके के लिए काम करने लगा।

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