बाबा बागेश्वर आ रहे बिहार लेकर ‘हिंदू राष्ट्र का संदेश’, आज से हनुमत कथा
पटना
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का 13-17 मई तक हनुमत कथा कार्यक्रम है। लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। तीन लाख स्क्वायर फीट में जर्मन टेक्निक से पडंला बनकर तैयार है। बताया जा रहा है कि पंडाल को काफी मजबूत बनाया गया है। इस पर आंधी और पानी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जिस पंडाल में पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी महाराज का दिव्य दरबार सजेगा, उसे बनवाया है मोहम्मद इकराम ने। एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत के दौरान गया के रहने वाले इकराम ने कहा कि इससे पहले वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए भी पंडाल बना चुके हैं।
बाबा बागेश्वर के लिए पंडला बनवा रहे इकराम
वोट के लिए दिन भर हिंदू-मुस्लिम करने वाले और झगड़ा करनेवाले वाले नेताओ/लोगों के लिए ये सबक है। मोहम्मद इकराम पटना में बागेश्वर बाबा के कार्यक्रम के लिए लाखों का जर्मन पंडाल लगवाए हैं। पैसे की चिंता किए बिना दिन-रात लगे हुए हैं। 200-300 मजदूर रोजाना पसीना बहा रहे हैं। इसमें करीब दो दर्जन मुस्लिम समुदाय से हैं।
बयानबाजी करने वालों से सावधान रहने की जरूरत
बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम आयोजन करनेवाली समिति के लोग भी कह रहे हैं कि इकराम भाई ने दिल न बड़ा किया होता, तो हनुमत कथा का आयोजन में दिक्कतें होतीं। राम-हनुमान और धर्मनिरपेक्ष की वोट पॉलिटिक्स करने वाले बाबा बागेश्वर को लेकर दिन भर बयान देते रहे, उधर इकराम अपना काम करते-कराते रहे। लगातार स्पॉट विजिट करते रहे। ग्राउंड पर काम देख रहे राजेश कुमार ने बताया कि काम लगभग फाइनल है। बिहार में बड़े-बड़े पंडाल का निर्माण वो लोग कराते रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लिए भी पंडाल बनवा चुके हैं।
आयोजन समिति को मोहम्मद इकराम पर भरोसा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का पटना से सटे नौबतपुर के तरेत में 13-17 तारीख तक प्रवचन का कार्यक्रम है। धीरेंद्र शास्त्री का ये कार्यक्रम राजनीति विवादों से घिर गया है। सत्ताधारी दल के कई बड़े नेता धर्मनिरपेक्षता के नाम पर इसका विरोध कर रहें हैं। वहीं, धर्म-आध्यात्म के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के नेता सपोर्ट कर रहे हैं। मगर, आयोजन समिति ने मोहम्मद इकराम पर बागेश्वर बाबा के भव्य पंडाल को लेकर पूरा भरोसा है।
कई राज्यों से दर्शनार्थियों के पहुंचने का अनुमान
कथा समिति के सदस्य अर्चना राय भट्ट ने मीडिया को बताया कि तीन लाख स्क्वायर फीट में जर्मन पंडाल बना है। 200 बीघा में कार पार्किंग का इंतजाम है। महाप्रसाद के लिए 60 काउंटर बनाए गए हैं। अनुमान है कि बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, नेपाल सहित देश के कई राज्यों से भारी संख्या में दर्शनार्थी बाबा को सुनने पहुंचेंगे।