पंडित जुगल किशोर के जज्बे को सलाम: छोले भटूरे बेचने के बाद , फिर शाम करते हैं भंडारा
सहारनपुर
यदि किसी इनसान में सेवा भाव है, तो भगवान उसके लिए सेवा करने के सभी रास्ते खोल देता है. सहारनपुर में रहने वाले पंडित जुगल किशोर बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं. भगवान की कृपा और बाबा बंसी वाले के आशीर्वाद से जुगल किशोर का छोले भटूरे का काम तरक्की कर रहा है. इस काम से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से से वह प्रतिदिन भंडारा कराते हैं.
सहारनपुर में पंडित जी के छोले भटूरे लोगों का पसंदीदा व्यंजन है. पंडित जुगल किशोर खुद मसाले तैयार करके छोले भटूरे बनाते हैं. इससे उनके छोले भटूरे का स्वाद लाजवाब हो जाता है. सुबह 10 बजे से करीब 2 बजे तक 200 प्लेट छोले भटूरे की बिक्री करने के बाद वह प्रतिदिन की गई दुकानदारी के मुनाफे से शाम के समय भक्ति भाव से भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों को दाल चावल का खाना मुफ्त में खिलाते हैं.
बुधवार को हलवा का प्रसाद करते हैं वितरित
छोले भटूरे की दुकान के नाम से प्रसिद्ध पंडित जुगल किशोर प्रत्येक बुधवार को हलवा का प्रसाद बांटते हैं. उन्होंने बताया कि भगवान की कृपा से प्रसाद वितरण से मुझे तरक्की ही मिल रही है. उन्होंने बताया कि सेवा भाव से कोई भी काम करने भगवान उस व्यक्ति के आय के अन्य स्रोत स्वयं ही पैदा कर देते हैं. इनसान को अपने जीवन में परोपकारी काम करते रहना चाहिए. इससे समाज और सृष्टि में मानवता जिंदा रहती है.
बाबा बंशी वाले से मिली प्रेरणा
पंडित जुगल किशोर ने बताया कि प्रतिदिन शाम को दाल चावल का भंडारा देना और बुधवार को हलवे का प्रसाद बांटने की प्रेरणा उन्हें बाबा बंशी वाले महाराज से मिली है. एक बार भंडारे के दौरान मैंने बाबा बंशी वाले महाराज से इच्छा जताई कि बाबाजी आप जहां भी भंडारा करते हो उसमें कोई कमी नहीं होती, इसलिए आप मुझे भी सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दे दीजिए. मैं भी भंडारा करना चाहता हूं. तब बाबा जी ने आशीर्वाद दिया और आज तक मैं बाबा बंशी वाले महाराज के आशीर्वाद से भंडारा कर रहा हूं. उनकी कृपा और प्रभु के आशीर्वाद से भंडारा सफल चल रहा है.