हेमा मीणा को नौकरी से किया Fired, संविदा में प्रमोशन भी मिला
भोपाल
पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन की सब इंजीनियर हेमा मीणा को नौकरी से निकालने के आदेश दे दिए गए हैं। इधर उसके बैंक खातों को आज लोकायुक्त पुलिस खंगालेगी। दोपहर बाद लोकायुक्त पुलिस बैंकों के प्रबंधकों को खाते की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहेगी। इसके साथ ही पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन की भी कुछ फाइलों की भी पड़ताल की जाएगी।
अपनी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में 13 साल की नौकरी के दौरान हेमा मीणा ने दो बार इस्तीफा दिया था. लेकिन बार-बार उनको नियुक्ति मिलती गई. हेमा मीणा ने साल 2011 में सब-इंजीनियर की पोस्ट पर नौकरी जॉइन की थी. पिछले 6 साल वह प्रमोट होकर सब-इंजीनियर से प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर बनी थीं.
पहली बार नियुक्ति
28-12-2010 को पहली बार हेमा मीणा को एमपी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में संविदा नौकरी पर रखने का आदेश जारी किया गया था. उन्होंने 1-1- 2011 में भोपाल संभाग में जॉइन किया. हालांकि, 31-5-2011 को इस्तीफा दे दिया था.
दूसरी बार नियुक्ति
इसके बाद 21-2-2013 को दूसरी बार संविदा नियुक्ति का आदेश जारी किया गया. 22-2-2013 को हेमा मीणा ने फिर नौकरी जॉइन की. उनकी यह संविदा नियुक्ति लगभग डेढ़ साल चली. जिसके बाद उन्होंने 7-7-2015 को फिर त्यागपत्र दे दिया.
तीसरी बार नियुक्ति
वहीं, तीसरी बार 1-11-2016 को हेमा मीणा की संविदा नियुक्ति का आदेश जारी किया गया. जिस पर 24-11-2016 को उन्होंने सागर संभाग में जॉइन किया था. एक साल बाद 3-11- 2017 को उनको प्रभारी सहायक यंत्री का प्रभार दिया गया. उनकी संविदा सेवा 1-5- 2022 को समाप्त होना थी. मगर इस बार उनको 31-10 -2023 तक एक्सटेंशन दे दिया गया.
चेयरमैन कैलाश मकवाना का एक्शन
पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन कैलाश मकवाना (IPS) ने पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी उपेंद्र जैन को निर्देश दिए हैं कि प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा की संविदा सेवा समाप्त करते हुए उनको तत्काल सेवा से पृथक किया जाए.
बता दें कि हेमा मीणा के खिलाफ साल 2020 में आय से अधिक संपत्ति की शिकायत दर्ज हुई थी. तब से जांच जारी थी. लेकिन पिछले दिनों कैलाश मकवाना के लोकायुक्त डीजी रहते हेमा मामले की जांच तेज गति से बढ़ाई गई थी.
गौरतलब है कि पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमैन वरिष्ठ आईपीएस कैलाश मकवाना पहले लोकायुक्त संगठन के डीजे थे. अपने कार्यकाल के दौरान आईपीएस अफसर ने सबसे पहले पुराने मामलों और शिकायतों को जल्दी जल्दी निपटाने की प्रक्रिया शुरू की थी. 2023 में इन सभी मामलों में छापामार कार्रवाई आदि की योजना थी. हालांकि, इससे पहले ही दिसंबर 2022 में उनका तबादला लोकायुक्त से पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में कर दिया गया. उन्हीं के समय में हेमा मीणा के मामले को फास्ट फारवर्ड में लेकर विवेचना की गई थी.
2022 में हेमा ने एक ठेकेदार और पत्रकार पर दर्ज कराया था केस
प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा ने अक्टूबर 2022 में भोपाल के कमला नगर थाने में एक ठेकेदार और उसके साथी पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज कराया था. दोनों लोगों पर शासकीय कार्य में बाधा डालने और छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था. कमला नगर थाना पुलिस ने हेमा की शिकायत पर आरोपियों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था.
वहीं, इस मामले में स्थानीय पत्रकार ने पुलिस से गुहार लगाई थी कि वह अपने साथी का बकाया पेमेंट मांगने पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के ऑफिस गया था. जहां उसके साथ मारपीट की गई. जब वह शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो वहां पर पहले से मारपीट करने वाले लोग और असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा मौजूद थी. महिला ने उल्टे पीड़ित पर ही एफआईआर दर्ज करवा दी. यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है.
ऐसा माना जा रहा है कि कुछ ठेकेदारों से हेमा मीणा की सांठगांठ भी थी। हेमा मीणा के भोपाल और रायसेन जिले के ढकना-चपना गांव में डाले गए छापे में जहां अनुपातहीन सम्पत्ति मिली। इधर जमीन कारोबारी सुरेंद्र संघवी, प्रीतक संघवी के यहां गुरुवार को डाले गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे के बाद आज सुबह से दोनों से पूछताछ चल रही है। दोनों से दोपहर तक पूछताछ जारी थी।
गौरतलब है कि ईडी के अधिकारियों की टीम जमीन के कारोबार में काले धन के लेन-देन और मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है। इस मामले में गुरुवार की शाम को भी सुरेंद्र संघवी और उनके पुत्र प्रतीक संघवी को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। इसके बाद आज सुबह से दोनों की गिरफ्तारी को लेकर खबर चलती रही। हालांकि ईडी के किसी भी अफसर ने गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।
हेमा पर हुआ एक्शन
इधर पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमेन कैलाश मकवाना भी हेमा मीणा पर एक्शन ले लिया है। इधर कैलाश मकवाना ने अपने कार्यालय में पदस्थ सभी कर्मचारियों और अफसरों को ईमानदारी और नियमानुसार कार्य करने की हिदायत देते हुए एक आदेश जारी किया है।