उत्तरप्रदेशराज्य

उरई में बदमाशों का दुस्‍साहस, पीछा कर रहे सिपाही की हत्‍या कर भागे; आईजी-डीआईजी ने संभाला मोर्चा

उरई
यूपी के उरई में नेशनल हाईवे चौकी के पास मंगलवार देर रात बदमाशों ने पीछा कर रहे सिपाही की हत्या कर दी। सिपाही के सिर पर किसी नुकीले हथियार का गहरा घाव मिला है। पोस्टमार्टम से पहले तक पुलिस भी गोली से सिपाही की हत्या मान रही थी। इस दुस्‍सासिक वारदात के बाद एडीजी ने मौका मुआयना कर बदमाशों को पकड़ने के लिए चार टीमें बनाई हैं। बताया जा रहा है कि खुद आईजी और डीआईजी ने मोर्चा संभाल लिया है। सिपाही को मारने वाले बदमाशों पर बहुत जल्‍द ऐक्‍शन सामने आएगा। पुलिस ने इस सिलसिले में कई लोगों को उठाया है। उनसे अलग-अलग पूछताछ की जा रही है।

फिलहाल बदमाशों का सुराग तलाशने के लिए हाईवे के सभी ढाबों और होटलों पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज चेक किए जा रहे हैं। एडीजी आलोक सिंह व आईजी जोगेंद्र सिंह पूरे दिन मौके पर मौजूद रहे और एसपी डॉ. ईरज राजा की अगुवाई में बदमाशों की धरपकड़ में लगी चारों टीमों से पल-पल जानकारी जुटाते रहे।

संदिग्धों की धरपकड़, चौकीदार से पूछताछ
पुलिस ने फैक्ट्री एरिया और रहिया से आधा दर्जन संदिग्धों को पकड़ उनसे पूछताछ कर रही है। भेदजीत की जिस वक्त बदमाशों ने हत्या की उसके चंद मिनट पहले सिपाही हाईवे चौकी के गोविंदरम ढाबे के अजनारा निवासी चौकीदार ज्ञान सिंह पाल के साथ खड़ा था। चौकीदार ने पुलिस को बताया कि बिना लाइट जलाए उल्टी दिशा से दो बाइक सवार गुजरे। सिपाही ने टॉर्च दिखा पीछा किया। 50 कदम जाने के बाद ही बदमाशों ने फायरिंग कर दी। इस पर वह और स्टाफ के लोग दौड़े पर तब तक बदमाश भाग चुके थे जबकि खंती में सिपाही खून से लथपथ पड़ा था।

परिजनों के साथ आईजी-डीआईजी ने दिया कंधा
उरई मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद सिपाही भेदजीत के पार्थिव शरीर को पुलिस लाइन ले जाया गया, जहां सिपाही के परिजनों के अलावा एडीजी व आईजी की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई। एडीजी आलोक सिंह व आईजी जोगेंद्र सिंह ने पार्थिव शरीर को कंधा देकर पुलिस वैन में पैतृक गांव मथुरा के लिए रवाना किया। दौरान एडीजी व आईजी ने सिपाही के परिजनों को आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द बदमाशों को पकड़ा जाएगा।

पुलिस के लिए चुनौती बने बदमाश
ड्यूटी के दौरान हाईवे स्थित पुलिस चौकी में तैनात सिपाही की हत्याकर भागे बाइक सवार बदमाशों को जल्द पकड़ना पुलिस महकमे के लिए चुनौती बन गया है। आईजी व डीआईजी की निगरानी में बदमाशों को घेरने के लिए ऑपरेशन चल रहा है। इसके लिए एसपी की अगुवाई में चार टीमों को लगाया गया है।

बदमाशों से अकेला भिड़ गए थे भेदजीत!
खास बात ये भी कि चौकी से 50 कदम दूर जिस जगह सिपाही की हत्या की गई वहां खंती के आसपास झाड़ियां अस्त-व्यस्त मिलीं, जिससे माना जा रहा है कि सिपाही भेदजीत बदमाशों से अकेला भिड़ गया था। हत्या के बाद बदमाश खंती से ऊपर हाईवे आए और फिर अपनी मोटरसाइकिल से झांसी की ओर भाग निकले जबकि सिपाही की बाइक हाईवे पर ही पुलिस को खड़ी मिली थी।

सेना से रिटायर होकर पुलिस में भर्ती हुए थे भेदजीत
एएसपी असीम चौधरी ने बताया कि मथुरा के चौराम्बर थानाक्षेत्र के बलदेव निवासी भेदजीत सिंह सेना से सेवानिवृत्ति लेकर पुलिस में भर्ती हुए थे। तीन दिन पहले ही उन्हें उरई कोतवाली क्षेत्र की हाईवे पुलिस चौकी में तैनाती मिली थी। मंगलवार रात करीब दो बजे चौकी के पास उन्हें बाइक सवार दो संदिग्ध जाते दिखे। भेदजीत ने उन पर टॉर्च की रोशनी की तो बाइक सवारों ने फायर झोंक दिए। वह बाइक से पीछा करने लगे और कुछ ही दूरी पर दोनों बदमाशों को पकड़ लिया। दोनों भेदजीत से भिड़ गए। एक बदमाश ने फायरिंग की जबकि एक ने सिर पर किसी नुकीली चीज से वार कर दिया और झांसी की ओर भाग निकले। भेदजीत की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के प्रत्यक्षदर्शी ढाबे के चौकीदार ने पुलिस को जानकारी दी। पीआरवी टीम पहुंची। सिपाही की हत्या की खबर मिलते ही एसपी डॉ. ईरज राजा फॉरेंसिक टीम के साथ पहुंचे। नाकेबंदी कर बदमाशों की तलाश होने लगी।

 

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