बैतूल के युवा का सबसे बड़ा साफा बांधने का कीर्तिमान गिनीज बुक में दर्ज हुआ
बैतूल
नगर के युवा आदित्य पचोली ने दुनिया का सबसे लंबा साफा बांधकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम दर्ज करा लिया है। आदित्य पचोली ने 26 अगस्त 2022 को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराने के लिए नगर के छत्रपति शिवाजी महाराज ओपन आडिटोरियम में 132 मीटर लंबे और 2.61 मीटर चौड़े कपड़े का साफा एक पानी की टंकी पर बांधने का रिकार्ड बनाकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए भेजा था। इस रिकार्ड को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारियों द्वारा प्रमाणित पाए जाने पर वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज किया गया है।
आदित्य ने पत्रकार वार्ता में इस उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि वे पिछले 14 साल से साफा बांधने का कार्य कर रहे हैं। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए 2020 में आवेदन किया था। उनका आवेदन वर्ष 2021 में स्वीकार किया गया और प्रयत्न के लिए 26 अगस्त 2022 का दिन तय किया गया था। इसी के तहत आदित्य ने ओपन आडिटोरियम में सबसे पहले सिर पर सबसे फास्ट साफा बांधने का प्रयास किया। जिसके लिए तय समय सीमा अधिकतम 20 सेकेंड थी। आदित्य ने 4.7 मीटर लंबा और 0.84 मीटर चौड़ाई के कपड़े का साफा मात्र 17 सेकेंड 4 माइक्रो सेकेंड में बांध दिया। हालांकि यह रिकार्ड दर्ज नहीं हो सका है।
750 लीटर की टंकी पर बांधा था साफा
बड़ा साफा बांधने के लिए गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के लिए दिए मापदंड को ध्यान रखते हुए प्रयत्न किया गया था। इसमें कपड़ा 345.25 स्केवयर मीटर था। जिसकी लंबाई 132.28 मीटर और चौड़ाई 2.61 मीटर थी। आदित्य ने इस बड़े साफा को 750 लीटर की पानी की टंकी पर मात्र 49 मिनिट 4 सेकेंड के समय में बांधकर कर रिकार्ड बनाया। इस साफे की ऊंचाई 0.9 मीटर, साफे का व्यास 1.1 मीटर साफे के फर की ऊंचाई 0.35 मीटर और साफे का परिमाप 3.6 मीटर था। इसे वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया।
आदित्य ने बताया किसाफा के मेजरमेंट के लिए सर्वेयर के रूप में इंजीनियर प्रखर पगारिया (एमटेक), नीतीश हरोडे, विनोद जयसिंगपुरे (अधिवक्ता) द्वारा लगातार इस कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया था। रिकार्ड बनाने के लिए टाइम कीपर के रूप में बलदेव अरोरा, अजय भार्गव, रानू वर्मा मौजूद रहे। साफा स्पेशलिस्ट विनोद गावंडे, सागर श्रीवास की उपस्थिति में इस बड़ेे साफे को बांधा गया था। इस पूरे प्रयत्न की वीडियो और फोटोग्राफी रानू हजारे उनके सहयोगी बादल मोटवानी के साथ पवन पवार ने की थी।